नेपाल में भारी बारिश का कहर: 36 घंटों में 40 से अधिक की मौत, 11 लापता; सड़कें-पुल बहे, सैकड़ों यात्री फंसे

नेपाल में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने भूस्खलन और बाढ़ का रूप ले लिया है, जिससे मानवीय त्रासदी बढ़ती जा रही है। पिछले 36 घंटों में कम से कम 40 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 11 अन्य अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। पूर्वी नेपाल के विभिन्न इलाकों में भारी तबाही मची हुई है, जहां सैकड़ों यात्री सड़कों पर फंस गए हैं और बचाव अभियान युद्ध स्तर पर चल रहे हैं।

राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन प्राधिकरण (NDRRMA) के अनुसार, भारी वर्षा के कारण भूस्खलन और बाढ़ ने 47 से अधिक लोगों की जान ले ली है, जिसमें 5-11 लोग लापता हैं। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में मृतकों की संख्या 38 से 63 तक बताई जा रही है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाती है। पूर्वी नेपाल के इलाकों जैसे इलाम, पांचथर और ताप्लेजुंग में सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है, जहां गांवों को पानी में बहा ले गया।

भारी बारिश ने कई प्रमुख सड़कों और पुलों को नष्ट कर दिया है, जिससे सैकड़ों यात्री और वाहन रास्तों में फंस गए हैं। नेपाल-अरुणाचल प्रदेश राजमार्ग सहित कई महत्वपूर्ण मार्ग अवरुद्ध हो चुके हैं। बचाव दल हेलीकॉप्टर और पैदल दस्तों के जरिए फंसे लोगों को निकालने में जुटे हैं, लेकिन खराब मौसम के कारण काम में बाधा आ रही है। स्थानीय प्रशासन ने चेतावनी जारी की है कि अगले 24 घंटों में बारिश जारी रह सकती है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।

नेपाल हिमालयी क्षेत्र में होने के कारण मानसून और भारी वर्षा से अक्सर भूस्खलन का शिकार होता रहता है। जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वनों की कटाई और अनियोजित निर्माण ने स्थिति को और खराब किया है। NDRRMA ने लोगों से घरों में रहने और नदियों के किनारे न जाने की सलाह दी है।









