प्रशासनिक अधिकारियों की पोस्टिंग में ढोंग और पद संरक्षण: हेमंत सरकार पर बाबूलाल मरांडी का तीखा प्रहार
रांची : झारखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार पर प्रशासनिक अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में मनमानी और नियमों का उल्लंघन करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता अब हेमंत सरकार के इस ‘ढोंग’ और ‘पद संरक्षण’ की राजनीति से तंग आ चुकी है। मरांडी ने विशेष रूप से आईएएस अधिकारी आदित्य रंजन के दोहरे पद पर काबिज रहने का उदाहरण देते हुए सरकार की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!बाबूलाल मरांडी ने अपने बयान में कहा, “हेमंत सोरेन के कार्यकाल में जिले का एसपी बदलने से बचाने के लिए पूरे आईपीएस बैच का प्रमोशन रोकना राज्य की जनता देख चुकी है। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे एक अवैध-लुटेरे डीजीपी को बचाने के लिए डीएसपी का आईपीएस में प्रमोशन तक रोकने की मिसाल भी हेमंत सरकार में ही देखने को मिली। लेकिन अब तो सीमाएं और आगे बढ़ चुकी हैं।”
उन्होंने डीएमएफ टी घोटाले में चर्चित आईएएस अधिकारी आदित्य रंजन का मामला उठाते हुए कहा, “फिलहाल धनबाद के डीसी के पद पर तैनात आदित्य रंजन पिछले पांच महीनों से आईटी निदेशक के पद पर भी जमे हुए हैं। तबादला हो जाने के बावजूद वे रांची और धनबाद दोनों जगहों पर एक साथ पद संभाले हुए हैं। सवाल यह है कि यह व्यवस्था आखिर किस आधार पर चल रही है? एक ही समय पर दो पदों पर टिके रहने का औचित्य क्या है?”
मरांडी ने तंज कसते हुए पूछा, “क्या यह अधिकारी इतनी असाधारण प्रतिभा रखते हैं कि रांची में बैठे तमाम अधिकारी आईटी निदेशक बनने योग्य ही नहीं हैं? या फिर आपकी नीति ‘जितना बड़ा दुराचारी, उतना बड़ा पदाधिकारी’ का ये एक और उदाहरण हमारे सामने है?”
नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा, “अगर वास्तव में यही स्थिति है कि राजधानी में इस पद के लिए दूसरे कोई योग्य अधिकारी ही नहीं हैं, तो उन अधिकारियों को कुर्सी तोड़ने के लिए बैठाए रखने की बजाय उन्हें नौकरी से निकाल बाहर करिए। राज्य को प्रशासनिक ढोंग और पद संरक्षण की राजनीति नहीं, पारदर्शिता और जवाबदेही की जरूरत है।”






