Memorandum Submitted After Meeting The Governor.

मुख्यमंत्री ने पत्नी के नाम कानून उल्लंघन कर रांची के अरगोड़ा में जमीन खरीदी राज्यपाल से मुलाकात कर  ज्ञापन सौपा Memorandum submitted after meeting the Governor.

Memorandum submitted after meeting the Governor.

CNT का उल्लंघन कर मुख्यमंत्री की पत्नी के नाम से ली गई जमीन  को लेकर आज बीजेपी का प्रतिनिधि मंडल राजपाल रमेश बैश से मिला .  राजभवन में  राज्यपाल से मुलाकात कर  ज्ञापन सौपा ।JISME उन्होंने आरोप लगाया की मुख्यमंत्री ने पत्नी के नाम गलत ढंग से CNT  कानून  KA उल्लंघन कर रांची के अरगोड़ा में जमीन खरीदी . इससे पहले रघुवर दास ने आरोप लगाया की

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के संरक्षण में राज्य में कोयला, बालू, पत्थर आदि की अवैध ढुलाई का कारोबार चल रहा है। मुख्यमंत्री अपनी पत्नी व परिजनों के नाम से जमीन ले रहे हैं। श्री दान ने बताया कि वर्ष 2009 में रांची के महत्वपूर्ण इलाके अरगोड़ा में मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी की पत्नी श्रीमती कल्पना मुर्मू सोरेन, जो कि उड़ीसा राज्य की आदिवासी श्रेणी की महिला है, ने दो सेल डीड के द्वारा क्रमशः 13 कट्ठा 14 छटाक (डीड संख्या 3881/3368 दिनांक 09.03.2009) एवं 17 कट्ठा 8 छटाक (डीड संख्या 1267/1084 दिनांक 07.02.2009) की आदिवासी भूमि का क्रय किया। उक्त दोनों डीड में उन्होंने अपने पति हेमंत सोरेन का नाम ना लिखकर अपने पिता अंपा मांझी का नाम दर्शाया और अपनी जाति संथाल बताते हुए अपना निवास स्थान हरमू कॉलोनी, थाना अरगोड़ा, जिला रांची दिखाया। नियमानुसार किसी अन्य राज्य के आरक्षित श्रेणी का व्यक्ति झारखंड राज्य में आरक्षण का लाभ नहीं ले सकता है और सीएनटी एक्ट के प्रावधानों के अनुसार किसी आदिवासी भूमि के खरीद के लिए उसे विक्रेता के ही थाना क्षेत्र का होना भी आवश्यक है, जो दोनों शर्तें कल्पना मुर्मू नहीं पूरा कर रही थी इसलिए उनके द्वारा झारखंड राज्य में आरक्षित श्रेणी और अरगोड़ा थाना क्षेत्र का निवासी बताया जाना दोनों गलत है।

CM हेमंत सोरेन के पत्नी और साली के नाम से कई शैल कम्पनिया होने का शक : रघुवर दास ( RAGHUWAR DAS)

उन्होंने कहा कि इससे बढ़कर भी जो बड़ी अनियमितता श्रीमती कल्पना मुर्मू सोरेन के द्वारा की गई वह यह है कि उनके द्वारा पहली डीड जो 13 कट्ठा 14 छटाक जमीन के संबंध में है, के क्रम में भूमि का सरकारी मूल्य 34,93,000 (34 लाख 93 हजार) रुपए दिखाया गया, परंतु विक्रय की राशि मात्र 4,16,000 ( चार लाख 16 हजार) रुपए दिखाई गई। उसी तरह उनके द्वारा दूसरी डीड जो 17 कट्ठा 8 छटाक जमीन के संबंध में है के क्रम में भूमि का सरकारी मूल्य 44,00,000 (44 लाख) रुपए दिखाया गया, परंतु विक्रय की राशि मात्र 5,25,000 (5 लाख 25 हजार) रुपए दिखाई गई। उपरोक्त से जाहिर है कि या तो विक्रेता को वास्तविक विक्रय मूल्य जो कि रुपए 78,93,000 (78 लाख 93 हजार) रुपये होता था के स्थान पर मात्र 9,41,250 (9 लाख 41 हजार 250) रुपए का भुगतान किया गया अथवा वास्तविक लेनदेन या भूमि के बाजार मूल्य जोकि करोड़ों रुपए में होगी, को छुपाने की नियत से, भूमि का क्रय मूल्य नाम मात्र दिखाया गया। दोनों परिस्थितियों में संबंधित भूमि खंडों की खरीद का मामला छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन और मनी लॉन्ड्रिंग का प्रतीत होता है।

हाँ हाँ के बाद CA सुमन कुमार ने कहा ना ना मेरा पैसा नहीं ! It’s not my money

श्री दास ने कहा कि सीएनटी एक्ट के प्रावधानों के अंतर्गत उपरोक्त प्रकार की गैर वाजिब खरीद बिक्री पोषणीय नहीं है और इसलिए संबंधित विक्रेताओं बिरसा उरांव तथा राजू उरांव इत्यादि ने इस संबंध में शिकायत भी की थी। इसके साथ उपरोक्त के संबंध में श्री राम कुमार पाहन तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति मोर्चा सह माननीय विधायक भारतीय जनता पार्टी एवं अन्य द्वारा संयुक्त हस्ताक्षरित जन आवेदन के जरिए भी शिकायत की गई थी। तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल में उपरोक्त मामलों को संज्ञान में लेते हुए प्रमंडलीय आयुक्त दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल रांची के कार्यालय आदेश ज्ञापांक 1593 दिनांक 22.06.2018 के द्वारा एक जांच दल का गठन किया गया था और जांच दल ने भी अपना संयुक्त जांच प्रतिवेदन राज्य सरकार को समर्पित किया, जिससे भी उपरोक्त गंभीर अनियमितताएं उजागर हुई।

हाँ हाँ के बाद CA सुमन कुमार ने कहा ना ना मेरा पैसा नहीं ! It’s not my money

 

तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही उपरोक्त संबंधित मामले में उपायुक्त रांची को मामले पर सीएनटी एक्ट के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने का आदेश दे दिया गया था और जानकारी यह भी है कि दिनांक 02.07.2019 को विविध वाद संख्या 03/2019-2020, को पंजीकृत करते हुए अपर समाहर्ता न्यायालय, रांची के द्वारा संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर दी गई थी और उसके उपरांत अनेकों तिथियों पर मामले पर कार्यवाही भी की गई थी, परंतु दिसंबर 2019 के चुनाव के बाद झामुमो कांग्रेस की सरकार काबिज हो गई।
दिसंबर 2019 में श्री हेमंत सोरेन स्वयं सरकार के मुखिया बन गए और उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए उपरोक्त मामले को अपने पक्ष में करवा लिया और करोड़ों की रकम का निवेश करते हुए उपरोक्त भूमि खंड पर भव्य भवनों का निर्माण कराया गया है, जो सोहराई भवन के नाम से विख्यात है।
श्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी और उनके अन्य परिवार वालों ने झारखंड राज्य के विभिन्न जिलों में इसी प्रकार से अपने आप को उसी संबंधित थाने का निवासी बताते हुए भारी मात्रा में सैकड़ों एकड़ आदिवासी भूमि का क्रय किए जाने की सूचना मिल रही है। जिसकी भी विस्तृत जांच कराए जाने की आवश्यकता है ताकि यह पता चल सके कि इन सभी मामलों में सीएनटी एक्ट के प्रावधानों का धड़ल्ले से उल्लंघन किया गया है और यह जांच इसलिए भी आवश्यक है कि इस प्रकार के खरीद-बिक्री के जरिए भ्रष्टाचार की कमाई की मनी लॉन्ड्रिंग की संभावना को भी नहीं नकारा जा सकता।

पूजा का पैसा ! Pooja’s money !

इसी तरह श्री हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री की पत्नी श्रीमती कल्पना मुर्मू सोरेन एवं उनकी रिश्तेदार श्रीमती सरला मुर्मू के द्वारा सोहराई लाइवस्टोक फर्म प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी का गठन 29.08.2020 को किया गया। उस कंपनी में श्रीमती कल्पना मुर्मू सोरेन 93.33% शेयर की मालकिन है तथा चेयरमैन/निदेशक के का पद संभाल रही हैं। उक्त कंपनी में उनकी रिश्तेदार श्रीमती सरला मुर्मू 6.6% शेयर की भागीदार हैं। श्री हेमंत सोरेन अपने मुख्यमंत्रीत्व काल में पिछले वर्ष यहां के आदिवासी एवं जनजाति समाज के उत्थान के लिए सरकार के द्वारा सहायता एवं सहयोग देने का वादा किया गया था। जिससे जनजाति समाज के लोगों को भी उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। उक्त घोषणा के पश्चात श्री हेमंत सोरेन के द्वारा एक मात्र संस्थान सोहराई लाइवस्टोक फर्म प्राइवेट लिमिटेड को उद्योग विकास करने हेतु रांची के औद्योगिक क्षेत्र में जमीन का आवंटन किया गया। उद्योग विभाग का मंत्रालय श्री हेमंत सोरेन के द्वारा संभाला जा रहा है। कंपनी सोहराई लाइवस्टोक फर्म प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा आवेदन संख्या 100001704, 100001705, 100001706 के द्वारा उद्योग विभाग में दिये गये आवेदन के आलोक में उद्योग विभाग के द्वारा आदेश संख्या PRO/RNC/SW/00736/2021, PRO/RNC/SW/00733/2021 तथा RO/RNC/SW/00734/2021 द्वारा 29.01.2021 को प्लॉट नंबर 1, 2 व 3 में कुल क्षेत्र 11.10 एकड़ भूमि उपरोक्त कंपनी सोहराई लाइवस्टोक फर्म प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित की गई।
जहां तक हमारी सूचना उपलब्ध है उसके अनुसार अब तक किसी भी अन्य आदिवासी या जनजातीय झारखंड निवासी व्यक्ति को रांची के औद्योगिक क्षेत्र में औद्योगिक विकास के लिए किसी तरह की भूमिका का आवंटन नहीं किया गया है।

इसके साथ ही इनकी रिश्तेदार श्रीमती सरला मुर्मू दो और कंपनी (जो शैल कंपनी हो सकती है) रक्तपुरा ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड तथा विहंगम बिल्डर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड में भी निदेशक हैं। दोनों कंपनियों में वे 2021 में ही निदेशक बनीं हैं। संभावना है कि इन कंपनियों के माध्यम से भी अवैध धन को खपाया जा रहा है।
उपरोक्त परिस्थिति में यह बात सिद्ध करती है कि वर्तमान मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के द्वारा अपने पद का दुरुपयोग और षड्यंत्र करते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम एवं सीएनटी का उल्लंघन किया गया है, जो किसी भी सरकारी सेवक के लिए आपराधिक व्याभिचार (Criminal Misconduct) के अंतर्गत आता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रशासनिक तंत्र के द्वारा निष्पक्ष जांच संभव नहीं प्रतीत होती है। महामहिम राज्यपाल महोदय से उपरोक्त बातों की जांच के द्वारा पुष्टि करने के उपरांत श्री हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री के खिलाफ धारा 19 ए, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 के तहत जांच की अनुमति प्रदान करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (2) तथा भारतीय दंड सहिंता एवं जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत स्वतंत्र एजेंसी से उपरोक्त व्यक्तियों के द्वारा किये गये आपराधिक कृत्य के लिए जांच एवं दंडात्मक कार्रवाई तथा श्री हेमंत सोरेन को वर्तमान धारित पद के लिए अयोग्य ठहराने एवं भविष्य के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग की।
साथ ही उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री जी को खुली चुनौती देता हूं कि आदिवासी के मुद्दे पर मोरहाबादी मैदान में आ जाइये। एक डिबेट करते हैं। 15 दिनों का समय देता हूं। तब तक पंचायत चुनाव भी समाप्त हो जायेंगे। आप बताइये कि आपने अपने दो बार के मुख्यमंत्रीत्व कार्यकाल में आदिवासियों की भलाई के लिए क्या किया और भाजपा सरकार ने उनके लिए क्या-क्या कार्य किये थे। इसके बाद जनता खुद निर्णय लेगी।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via