देशभर के राजभवनों का नाम बदला: अब होंगे ‘लोकभवन’, शासन को ‘सेवा’ की ओर ले जाने का संदेश
नई दिल्ली : भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार की दिशा में कदम उठाते हुए देशभर के सभी राजभवनों को आधिकारिक रूप से ‘लोकभवन’ नाम देने का ऐलान किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद यह नाम परिवर्तन तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है, जो शासन व्यवस्था को ‘सत्ता’ से ‘सेवा’ की ओर मोड़ने का प्रतीक माना जा रहा है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर राजभवनों तथा राज निवासों के नाम बदलने का सुझाव दिया था, जिसमें औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। इसके परिणामस्वरूप, पश्चिम बंगाल, केरल, उत्तराखंड और लद्दाख जैसे राज्यों में पहले ही यह बदलाव लागू हो चुका है। मंत्रालय का लक्ष्य दिसंबर अंत तक सभी 28 राजभवनों में यह परिवर्तन पूरा करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले 11 वर्षों में कई नाम परिवर्तनों के माध्यम से ‘परिवर्तनकारी सोच’ को बढ़ावा दिया है। इलाहाबाद को प्रयागराज और होशंगाबाद को नर्मदापुरम बनाने के बाद अब राजभवन को ‘लोकभवन’ नाम देना इसी श्रृंखला का हिस्सा है। राज्यपालों के आधिकारिक आवास अब जनसुनवाई और लोकपाल जैसी भूमिकाओं को मजबूत करने का केंद्र बनेंगे।
यह नाम परिवर्तन केवल सतही बदलाव नहीं, बल्कि शासन की मानसिकता में परिवर्तन का संदेश है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने पहले ही ‘7 रेसकोर्स रोड’ को ‘प्रधानमंत्री आवास’ नाम देकर इसी दिशा में कदम उठाया था। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राज्यपालों की भूमिका जनसेवा पर केंद्रित होगी, जो भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करेगी।





