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अमेरिका ने भारत पर लगाया 25% टैरिफ: भारतीय निर्यात पर असर, एक अगस्त से लागू

अमेरिका ने भारत पर लगाया 25% टैरिफ: भारतीय निर्यात पर असर, एक अगस्त से होगा लागू

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डेस्क  – अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले सामानों पर 25% का पारस्परिक टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो 1अगस्त 2025 से लागू होगा। यह कदम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ‘लिबरेशन डे’ नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करना और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना है। इस टैरिफ से भारत के कई प्रमुख क्षेत्र, जैसे ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न और आभूषण, और टेक्सटाइल प्रभावित होंगे। हालांकि, अमेरिका ने जब पहली बार घोषणा की थी उसके बाद भारत के साथ वार्ता चल रही थी लेकिन शायद कोई फायदा नही हुआ।

प्रमुख क्षेत्रों पर प्रभाव
भारत-अमेरिका व्यापार में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, और 2023-24 में भारत का अमेरिका के साथ $35.31 बिलियन का व्यापार अधिशेष रहा। नए टैरिफ से कई भारतीय उद्योगों पर दबाव बढ़ेगा। विशेष रूप से:
ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स : 25% टैरिफ से भारतीय ऑटो कंपनियों, जैसे टाटा मोटर्स और सोना कोम्स्टार, की प्रतिस्पर्धात्मकता पर असर पड़ सकता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स: भारत से निर्यात होने वाले स्मार्टफोन्स, विशेष रूप से ऐप्पल के आईफोन, की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे अमेरिकी बाजार में मांग प्रभावित हो सकती है।
रत्न और आभूषण : अमेरिका भारत के आभूषण निर्यात का 30% हिस्सा है, और टैरिफ से इस क्षेत्र को नुकसान हो सकता है।
टेक्सटाइल : भारत के $9.6 बिलियन के टेक्सटाइल निर्यात पर भी असर पड़ने की आशंका है।

भारत की प्रतिक्रिया और व्यापार वार्ता

गौरतलब है की पिछली बार अमेरिका द्वारा 26 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद भारत सरकार इस टैरिफ के प्रभाव का आकलन कर रही थी और अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को तेज करने की कोशिश में थी। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था की भारत आत्मविश्वास के साथ वार्ता कर रहा है और जल्द ही एक समझौते की उम्मीद है। जाहिर है जुलाई 2025 तक टैरिफ को 90 दिनों के लिए निलंबित किया गया था, और भारत इस अवधि में एक स्थायी समाधान के लिए बातचीत की कोशिश कर रहा था।

रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने अमेरिकी आयात पर $23 बिलियन मूल्य के सामानों पर टैरिफ कम करने की पेशकश की थी, जिसमें रत्न, आभूषण और ऑटो पार्ट्स शामिल हैं। हालांकि, कृषि और डेयरी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में भारत ने सख्त रुख अपनाया था विशेष रूप से जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलों और डेयरी उत्पादों पर।

आर्थिक प्रभाव और बाजार की प्रतिक्रिया

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था, जो मुख्य रूप से घरेलू मांग पर निर्भर है, पर इसका प्रभाव सीमित रहेगा। भारत के निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 18% है, और प्रभावित क्षेत्र केवल 1.1% जीडीपी का हिस्सा हैं।

 

 

 

 

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