BABULAL MARANDI

बाबूलाल मरांडी (BABULAL MARANDI)का ट्वीट लंका दहन की बेला निकट आ चुकी है हेमंत सोरेन अपने साथियो के साथ जेल जायेंगे

 

BABULAL MARANDI  TWIT

मत्री बाबूलाल मरांडी के ट्वीट ने झारखण्ड की राजनीति में उफान ला दिया है। इस ट्वीट में बाबूलाल मरांडी ने लिखा है, … हवा का रुख पहचानिए… लंका दहन की बेला निकट आ पहुंची है।

इस ट्वीट के बाद से एक बार फिर मीडिया में तरह तरह के कयास लगने शुरू हो गए है

बाबूलाल मरांडी ने एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर जारी की है। इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा है,मैं बार-बार बोल रहा हूं कि झारखंड के अधिकांश अधिकारी अच्छे हैं… सिर्फ चंद अफसर, जिनकी संख्या उंगली पर गिनने लायक है, उनकी वजह से पूरी ब्यूरोक्रेसी को बदनाम नहीं किया जा सकता….. वैसे अफसरों को भी अपना ठंडे दिमाग से सोचना चाहिए …. किसी अपराधी को बचाने के लिए आप किस हद तक जा सकते हैं ?

हेमन्त सोरेन (HEMANT SOREN)का जन-जन तक एक मुहिम चलाकर उन्हें कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने के आदेश को अधिकारी अमलीजामा पहना रहे हैं।

आप खुद तो जाएंगे ही, पूरी नौकरशाही आपके दामन पर लगे दाग के कारण बदनाम होगी… भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं, एक दिन आपका नंबर भी आएगा…..झारखंड के कई अफसर अनौपचारिक बातचीत में बताते हैं कि वे खुद परेशान हैं… इज्जत बचाना मुश्किल हो रहा है….. चंद लोगों ने अपनी हद पार कर दी है.
अहंकार ने बड़े-बड़ों का नाश किया
सरकारें आएगी और जाएगी… कोई भी हमेशा के लिए पद पर नहीं बना रह सकता… लेकिन जनता ऐसे कलंक लगाने वाले लोगों को माफ नहीं करती.. कानून तो अपना काम करेगा ही…. अहं इंसान का सबसे बड़ा नहीं करती… शत्रु है … झारखंड के भ्रष्टाचारियों को अब भी लगता है कि उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा… इसी अहंकार ने बड़े-बड़ों का नाश किया है… हवा का रुख पहचानिए… लंका दहन की बेला निकट आ पहुंची है.गैंग्स ऑफ साहिबगंज के चूहे जहाज छोड़कर इधर-उधर भाग रहे है. क्योंकि उन्हें पता है कि जहाज का कैप्टन खुद तो डूबेगा ही, उन्हें भी डुबाएगा…

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सिर्फ इतना ही नहीं बाबूलाल मरांडी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किये हैं। एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, जो कुछ देख-सुन रहा हूँ, तो सोचता हूँ कि कहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी एक दर्जन से भी ज्यादा सरकारी -ग़ैरसरकारी लूट के हमसफ़र “अपने” लोगों को अपने साथ जेल ले जाने की दूरगामी योजना पर तो काम नहीं कर रहे?ताकि वहाँ भी मन लगा रहे, “राजा का दरबार” सजे और अकेलापन का एहसास भी न हो।

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