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जीएसटी में बड़ा बदलाव: आज से लागू हुईं नई दरें, 375 से ज्यादा वस्तुएं हुईं सस्ती!

नवरात्रि के शुभ अवसर पर देशभर में एक बड़ी राहत की खबर आई है। केंद्र सरकार ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) की दरों में व्यापक सुधार लागू कर दिए हैं, जो आज से प्रभावी हो चुकी हैं। इस नई व्यवस्था के तहत जीएसटी के स्लैब को सरल बनाते हुए अब केवल 5% और 18% की दो मुख्य दरें रह गई हैं। 12% और 28% के स्लैब को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। इसके अलावा, खाने-पीने की वस्तुओं, दवाइयों और अन्य आवश्यक सामानों पर जीएसटी को 18% से घटाकर 0% कर दिया गया है।

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यह बदलाव जीएसटी परिषद की हालिया बैठक में लिए गए फैसलों का नतीजा है, जिसकी अधिसूचना वित्त मंत्रालय ने जारी कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ‘ऐतिहासिक सुधार’ बताते हुए कहा कि इससे आम आदमी की जेब पर बोझ कम होगा और अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी ट्वीट कर इसकी जानकारी साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि 99% रोजमर्रा की वस्तुओं पर अब केवल 5% टैक्स लगेगा।

क्या-क्या बदला जीएसटी सिस्टम में

शून्य जीएसटी (0%) : अनाज, दालें, दूध, पनीर, ब्रेड, बिस्किट, फल-सब्जियां, जीवन रक्षक दवाएं, कॉपी, पेंसिल जैसी बुनियादी वस्तुएं अब पूरी तरह टैक्स-मुक्त हो गई हैं। इससे इनकी कीमतों में 5-18% तक की कमी आने की उम्मीद है।

5% स्लैब : अधिकांश दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसे साबुन, तेल, शैंपू, टीवी, फ्रिज, एसी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स अब इस स्लैब में आ गई हैं।

18% स्लैब : मध्यम श्रेणी की वस्तुएं और सेवाएं, जैसे पिज्जा और अन्य रेस्तरां सेवाएं।

उच्च दरें : विलासिता की वस्तुओं (जैसे लग्जरी कारें, सिगरेट, तंबाकू) पर 20% से 40% तक की दरें लागू रहेंगी, ताकि राजस्व संतुलन बना रहे। कुछ विशेष वस्तुओं पर 1.5%, 0.75% और 0.125% जैसी दरें भी निर्धारित की गई हैं।

इस सुधार से लगभग 375 वस्तुओं के दाम घटने का अनुमान है, जिसमें रसोई के सामान से लेकर दवाइयां और वाहन शामिल हैं। कई एफएमसीजी और ऑटोमोबाइल कंपनियों ने पहले ही कीमतों में कटौती की घोषणा कर दी है। हालांकि, दुकानदारों के पास पुराने स्टॉक की समस्या बनी हुई है, जिसके लिए सरकार ने दिशानिर्देश जारी किए हैं।

आम जनता पर क्या असर पड़ेगा

राहत वाली खबर : पनीर, दूध, ब्रेड, पिज्जा जैसी चीजें अब सस्ती होंगी, जो घर-घर की जरूरत हैं। छात्रों के लिए कॉपी-पेंसिल और मरीजों के लिए दवाओं पर जीरो टैक्स से खर्च कम होगा।

महंगाई पर असर : विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव महंगाई को नियंत्रित करने में मददगार साबित होगा। बीजेपी ने 22 से 29 सितंबर तक ‘जीएसटी बचत उत्सव’ अभियान चलाने का ऐलान किया है, जिसमें उपभोक्ताओं को जागरूक किया जाएगा।

चुनौतियां : कुछ वस्तुओं जैसे पेट्रोलियम उत्पादों और औद्योगिक कच्चे माल पर टैक्स बढ़ने से महंगाई का हल्का असर पड़ सकता है। फिर भी, कुल मिलाकर उपभोक्ताओं को फायदा ही होगा।

यह सुधार जीएसटी को और पारदर्शी व सरल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। राजस्व नुकसान का अनुमान 47,700 करोड़ रुपये है, लेकिन लंबे समय में इससे व्यापार बढ़ेगा। यदि आप अपनी खरीदारी की योजना बना रहे हैं, तो आज से ही नई दरों का लाभ उठाएं!

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