बिहार चुनाव 2025: चुनाव आयोग की सख्ती, बिना प्रमाणन के नहीं चलेगा कोई विज्ञापन

बिहार चुनाव 2025: चुनाव आयोग की सख्ती, बिना प्रमाणन के नहीं चलेगा कोई विज्ञापन
पटना, 21 अक्टूबर : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को और दूसरे चरण की 11 नवंबर को होगी, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी। इस बीच, भारत निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए चुनावी विज्ञापनों पर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

बिना प्रमाणन के विज्ञापन पर रोक
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि वोटिंग से एक दिन पहले और वोटिंग के दिन बिना पूर्व-प्रमाणन (Pre-Certification) के कोई भी राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित नहीं किया जा सकेगा। इसका मतलब है कि अखबारों, प्रिंट मीडिया या अन्य माध्यमों में बिना अनुमति के कोई भी विज्ञापन नहीं चलाया जा सकेगा।

प्रतिबंध की तारीखें
आयोग के निर्देशानुसार, निम्नलिखित तारीखों पर बिना प्रमाणन के विज्ञापन प्रकाशन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा:
पहला चरण: 5 और 6 नवंबर 2025
दूसरा चरण: 10 और 11 नवंबर 2025
MCMC से पहले लेनी होगी मंजूरी
चुनावी विज्ञापनों को प्रकाशित करने के लिए उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (MCMC) से पहले से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए विज्ञापन सामग्री को कम से कम दो दिन पहले जमा करना होगा, ताकि समिति को सामग्री की जांच और प्रमाणन के लिए पर्याप्त समय मिल सके।

निष्पक्ष चुनाव का लक्ष्य
निर्वाचन आयोग का कहना है कि बिहार में निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण चुनाव कराना उसकी प्राथमिकता है। इन नियमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता बिना किसी भ्रामक प्रचार, दबाव या प्रभाव के अपने मताधिकार का स्वतंत्र रूप से उपयोग कर सकें।
क्या है उम्मीदवारों के लिए सलाह?
उम्मीदवारों को सलाह दी गई है कि वे समय रहते MCMC से संपर्क कर विज्ञापनों का प्रमाणन करा लें। नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है। जाहिर है यह कदम न केवल चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगा, बल्कि मतदाताओं के बीच विश्वास भी बढ़ाएगा।







