पुलिसिया पिटाई से मौत ! मामले ने पकड़ा तूल , थाना प्रभारी का तबादला
पुलिसिया पिटाई से मौत ! मामले ने पकड़ा तूल , थाना प्रभारी का तबादला
देवघर से पंकज पांडे की रिपोर्ट
देवघर जिले के सारठ प्रखंड में खागा थाना पुलिस और सारठ थाना पुलिस पर एक बुजुर्ग, महेश्वर राणा, के साथ कथित मारपीट के बाद मौत का मामला अब तूल पकड़ने लगा है । सारठ के विधायक चुन्ना सिंह ने भी पुलिस पर ठीक से ना काम करने का आरोप लगाया है साथ ही यह भी चेतावनी दी है कि जल्द ही इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन होगा । यह मामला स्थानीय लोगों और परिजनों के आक्रोश के कारण भी चर्चा में है।
घटना का विवरण
स्थान और समय: यह घटना झारखंड के देवघर जिले के सारठ प्रखंड अंतर्गत खागा थाना क्षेत्र में हुई। परिजनों के अनुसार, पिछले शनिवार को यह मामला सामने आया।
पुलिस की कार्रवाई: मृतक महेश्वर राणा के परिजनों ने बताया कि खागा थाना और सारठ थाना की पुलिस ने संयुक्त रूप से महेश्वर राणा को उनके घर से उठाया। उन्हें करीब तीन घंटे तक पूछताछ के लिए थाने में रखा गया और फिर घर छोड़ दिया गया।
स्वास्थ्य बिगड़ना और मृत्यु: पुलिस द्वारा घर छोड़े जाने के बाद महेश्वर राणा की तबीयत तेजी से बिगड़ने लगी। परिजनों ने उन्हें तुरंत देवघर के सदर अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई।
मामले का पृष्ठभूमि
परिजनों का बयान: महेश्वर राणा की पत्नी और अन्य परिजनों ने सवाल उठाया कि जब पुलिस उन्हें स्वस्थ हालत में घर से ले गई थी, तो थाने में उनकी तबीयत कैसे बिगड़ गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने पूछताछ के दौरान उनके साथ मारपीट की, जिसके कारण उनकी मृत्यु हुई।
स्थानीय लोगों का दावा: स्थानीय लोगों के अनुसार, यह मामला एक महीने पुरानी घटना से जुड़ा है, जिसमें महेश्वर राणा के नाती ने एक लड़की को भगाकर उससे शादी की थी। लड़की के परिजनों की शिकायत पर सारठ थाना पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और महेश्वर राणा को पूछताछ के लिए उठाया। लोगों का कहना है कि इस दौरान पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी और मारपीट की, जिससे उनकी हालत बिगड़ी।
स्थानीय और राजनीतिक प्रतिक्रिया
आक्रोश और आरोप: स्थानीय लोगों में पुलिस की इस कथित कार्रवाई को लेकर भारी गुस्सा है। उनका मानना है कि पुलिस की लापरवाही और दुर्व्यवहार के कारण एक निर्दोष बुजुर्ग की जान गई।
विधायक की प्रतिक्रिया: स्थानीय विधायक उदय शंकर सिंह (चुन्ना सिंह) ने इस मामले में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि खागा और सारठ थाना पुलिस ने गलत तरीके से कार्रवाई की और महेश्वर राणा के साथ मारपीट की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वह आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
पुलिस का रुख
आधिकारिक बयान: देवघर पुलिस ने अभी इस मामले पर विस्तृत टिप्पणी से बचने की कोशिश की है। उनका कहना है कि मामले की पूरी जांच की जा रही है और जांच के बाद ही उचित कार्रवाई होगी।
प्रारंभिक कार्रवाई: खागा थाना प्रभारी का तबादला कर दिया गया है, हालांकि, अभी तक किसी पुलिसकर्मी के खिलाफ औपचारिक कार्रवाई की खबर नहीं है।
उठने वाले सवाल
पुलिस की कार्रवाई की वैधता: क्या पुलिस ने महेश्वर राणा को उठाने और पूछताछ करने के लिए उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया? क्या उनके खिलाफ कोई औपचारिक शिकायत या केस दर्ज था?
मारपीट के आरोप: यदि पुलिस ने मारपीट की, तो इसके पीछे क्या कारण थे? क्या पूछताछ के दौरान कोई उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध थी?
पारदर्शिता: पुलिस की जांच कितनी निष्पक्ष होगी, और क्या इसके परिणाम जनता के सामने पारदर्शी तरीके से रखे जाएंगे?