राज्यसभा में डॉ. प्रदीप वर्मा ने उठाया डिजिटल एड्रेस सिस्टम की विश्वसनीयता का मुद्दा, संचार मंत्रालय ने दी प्रगति की जानकारी
नई दिल्ली : राज्यसभा के शून्यकाल में आज सांसद डॉ. प्रदीप वर्मा ने देश के डिजिटल एड्रेस इकोसिस्टम की विश्वसनीयता, सुरक्षा और राष्ट्रीय मानकीकरण पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने सरकार से पूछा कि तेजी से डिजिटाइजेशन के दौर में नागरिकों को सटीक, सुरक्षित और एकसमान डिजिटल पता उपलब्ध कराने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!डॉ. वर्मा ने चार प्रमुख बिंदुओं पर जवाब मांगा
* डाक विभाग द्वारा डिजिटल एड्रेस की विश्वसनीयता बढ़ाने हेतु हालिया सुधार
* ‘एड्रेस-एज़-ए-सर्विस (AaaS)’ मॉडल के तहत डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की प्रगति
* शहरी-ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में एकसमान डिजिटल एड्रेस कोड के मानकीकरण की स्थिति
* पूरी व्यवस्था लागू होने के बाद देश को होने वाले लाभ
जवाब में संचार राज्य मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर पेमासानी ने सदन को आश्वासन दिया कि मंत्रालय डिजिटल एड्रेसिंग सिस्टम को अधिक मजबूत, सुरक्षित, सटीक और यूजर-फ्रेंडली बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। आधार की तर्ज पर एक सार्वभौमिक डिजिटल पता पहचान (Universal Digital Address Identity) तैयार करने और सरकारी-निजी सेवाओं को इससे जोड़ने की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है।
डॉ. प्रदीप वर्मा ने चर्चा के बाद कहा, “मजबूत डिजिटल एड्रेस सिस्टम ई-गवर्नेंस, अंत्योदय तक सरकारी योजनाओं की पहुंच, आपदा प्रबंधन, लॉजिस्टिक्स और लास्ट-माइल डिलीवरी में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। यह ग्रामीण भारत को भी डिजिटल मुख्यधारा से जोड़ेगा। मैं सरकार से अपेक्षा करता हूं कि इस महत्वपूर्ण डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को शीघ्र और प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।”
यह मुद्दा इसलिए भी अहम है क्योंकि भारत में अभी भी लाखों पते अस्पष्ट या अपूर्ण हैं, जिससे ई-कॉमर्स, बैंकिंग, सरकारी सब्सिडी और आपातकालीन सेवाओं में बाधा आती है। विशेषज्ञों का मानना है कि एक मानकीकृत राष्ट्रीय डिजिटल एड्रेस सिस्टम ‘डिजिटल इंडिया’ के अगले चरण की रीढ़ बन सकता है।








