पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की भारत को युद्ध की धमकी, सिंधु जल संधि पर बयान से बढ़ा तनाव
इस्लामाबाद : पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक बार फिर भारत के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी की है। उन्होंने धमकी दी है कि यदि भारत सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को स्थगित रखता है और सिंधु नदी पर बांध निर्माण की कोशिश करता है, तो इससे दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति बन सकती है। यह बयान बिलावल ने हजरत शाह अब्दुल लतीफ भिट्टाई के 282वें उर्स के दौरान भीत शाह में ‘शाह लतीफ पुरस्कार’ समारोह में दिया।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!बिलावल भुट्टो ने अपने भाषण में भारत पर सिंधु जल संधि को निलंबित करने और पानी रोकने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “सिंधु नदी न केवल हमारी भूमि से होकर बहती है, बल्कि यह हमारी नसों में भी दौड़ती है। भारत का यह कदम प्रकृति और मानवता के खिलाफ अपराध है।” उन्होंने पाकिस्तानी जनता से भारत के खिलाफ एकजुट होने की अपील करते हुए कहा, “हमें इस जुल्म के खिलाफ आवाज उठानी होगी। अगर भारत पानी रोकता है, तो हम युद्ध के लिए तैयार हैं।”
यह विवाद जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद और गहरा गया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। भारत ने इस हमले का आरोप पाकिस्तान पर लगाया और इसके जवाब में सिंधु जल संधि को निलंबित करने का फैसला लिया। भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में घोषणा की थी कि यह समझौता कभी बहाल नहीं होगा, जिसके बाद पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ गई है।
सिंधु जल संधि, जिस पर 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हस्ताक्षर हुए थे, भारत और पाकिस्तान के बीच छह नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, सतलज, और व्यास) के पानी के बंटवारे को नियंत्रित करती है। इसके तहत भारत को रावी, सतलज और व्यास नदियों का नियंत्रण मिला, जबकि पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का पानी आवंटित हुआ। भारत के हालिया कदमों, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में बगलिहार और किशनगंगा बांधों के फाटकों को बंद करने की खबरों ने पाकिस्तान में पानी की किल्लत की आशंका को बढ़ा दिया है।
भारत ने बिलावल के बयानों को “गीदड़भभकी” करार देते हुए खारिज किया है। पहले भी भारतीय केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बिलावल को उनके बयानों पर “मानसिक संतुलन” जांचने की सलाह दी थी। भारत का कहना है कि सिंधु जल संधि का निलंबन तब तक लागू रहेगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता।




