झारखंड के पहले मेधा मिल्क पाउडर प्लांट का शिलान्यास: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रखी आधारशिला
झारखंड के पहले मेधा मिल्क पाउडर प्लांट का शिलान्यास: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रखी आधारशिला
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!रांची, 6 जून : झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने आज रांची के होटवार स्थित मेधा डेयरी प्लांट में राज्य के पहले मिल्क पाउडर प्लांट का पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर शिलान्यास किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। इस प्लांट के निर्माण से झारखंड दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल करेगा।
मेधा मिल्क पाउडर प्लांट
मेधा मिल्क पाउडर प्लांट झारखंड मिल्क फेडरेशन के तहत राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के सहयोग से स्थापित किया जा रहा है। यह प्लांट होटवार, रांची में लगभग 80 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगा। इसकी दैनिक उत्पादन क्षमता 20 MTPD (मेट्रिक टन प्रति दिन) होगी, जिसके तहत दूध को मिल्क पाउडर और अन्य डेयरी उत्पादों में बदला जाएगा। यह प्लांट अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगा, जो दूध के प्रसंस्करण और गुणवत्ता को सुनिश्चित करेगा।
हेमंत सोरेन पूजा करते हुए
प्लांट की विशेषताएं
उच्च उत्पादन क्षमता: यह प्लांट प्रतिदिन 20 मेट्रिक टन मिल्क पाउडर का उत्पादन करेगा, जिसे भविष्य में और बढ़ाया जा सकता है।
आधुनिक तकनीक: अत्याधुनिक मशीनरी और तकनीक का उपयोग कर दूध को लंबे समय तक संरक्षित करने योग्य मिल्क पाउडर और अन्य डेयरी उत्पाद जैसे दही, पनीर, लस्सी आदि तैयार किए जाएंगे।
स्थानीय संसाधनों का उपयोग: यह प्लांट स्थानीय दुग्ध उत्पादकों से दूध एकत्र करेगा, जिससे उत्पादन लागत कम होगी और गुणवत्ता बनी रहेगी।
पर्यावरण-अनुकूल प्रक्रिया: प्लांट में पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिससे ऊर्जा की बचत होगी और प्रदूषण कम होगा।
जनता को लाभ
मेधा मिल्क पाउडर प्लांट के शुरू होने से झारखंड की जनता, विशेषकर किसानों और दुग्ध उत्पादकों को कई लाभ होंगे:
रोजगार सृजन: इस प्लांट से सैकड़ों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
दुग्ध उत्पादकों की आय में वृद्धि: किसानों को उनके दूध का उचित मूल्य मिलेगा, साथ ही प्रति लीटर 5 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी। इससे दुग्ध उत्पादकों की आय में वृद्धि होगी।
आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम: यह प्लांट झारखंड को मिल्क पाउडर उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाएगा और अन्य राज्यों पर निर्भरता कम करेगा।
उत्पादों की उपलब्धता: स्थानीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पाद जैसे मिल्क पाउडर, दही, पनीर आदि सस्ते दामों पर उपलब्ध होंगे, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ होगा।
पशुपालन को बढ़ावा: इस परियोजना से पशुपालकों को प्रोत्साहन मिलेगा, और वे अधिक दूध उत्पादन के लिए प्रेरित होंगे। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत अच्छी नस्ल की गायें भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
मुख्यमंत्री का संदेश
शिलान्यास समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, “यह प्लांट झारखंड के किसानों और दुग्ध उत्पादकों के लिए एक नई शुरुआत है। हमारी सरकार का लक्ष्य है कि हमारे किसान भाई-बहन आत्मनिर्भर बनें और उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिले। यह परियोजना न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि झारखंड को डेयरी उद्योग में अग्रणी बनाएगी।”





