हार्डकोर नक्सली सुनील गंझू गिरफ्तार, 42 मामलों में वांछित दुर्दांत माओवादी को पुलिस ने पकड़ा

हजारीबाग : झारखंड में नक्सलवाद के खिलाफ पुलिस की मुहिम को आज एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। हजारीबाग पुलिस ने भाकपा (माओवादी) के हार्डकोर नक्सली और पूर्व जोनल कमांडर सुनील गंझू को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ विभिन्न थानों में 42 आपराधिक मामले दर्ज हैं। झारखंड का “टेरर” कहे जाने वाले इस दुर्दांत नक्सली पर बेलतू नरसंहार जैसे चर्चित कांडों में भी संलिप्तता का आरोप है, जिसमें 13 ग्रामीणों की निर्मम हत्या की गई थी।

हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अंजनी अंजन ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर जोराकाट इलाके में छापेमारी की गई। सूचना थी कि 4-5 संदिग्ध व्यक्ति सक्रिय हैं। पुलिस ने घेराबंदी कर एक संदिग्ध को पकड़ लिया, जो हाथ में होला (कुदाल) लिए हुए था। अन्य संदिग्ध जंगल का फायदा उठाकर भाग निकले। पूछताछ में पकड़े गए व्यक्ति ने अपना नाम सुनील गंझू बताया। वह मूल रूप से चतरा जिले के पत्थलगड्डा का निवासी है।

तलाशी के दौरान उसके झोले से नक्सली लेटरहेड, पर्चे और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए। पूछताछ में सुनील ने कबूल किया कि वह 4-5 नक्सलियों के साथ संगठन के लिए लेवी वसूली करने हजारीबाग क्षेत्र आया था। उनका निशाना कोल कंपनियां, ठेकेदार और कोयला व्यापारी थे। एसपी ने कहा कि यह गिरफ्तारी नक्सली संगठन को बड़ा झटका है, क्योंकि सुनील सक्रिय नक्सलियों को सहायता पहुंचाने और शरण देने का काम करता था।

सुनील गंझू 1990 से भाकपा (माओवादी) में सक्रिय था। 2018 में जेल से रिहा होने के बाद वह फिर से संगठन में शामिल हो गया और विभिन्न हिंसक घटनाओं को अंजाम देता रहा। वह उत्तरी छोटानागपुर के रीजनल कमांडर सहदेव महतो और कमांडर नताशा को शेल्टर प्रदान करने का जिम्मेदार था। अभी भी झारखंड में सक्रिय नक्सली दस्तों का वह एक प्रमुख सदस्य था।

सबसे चर्चित बेलतू नरसंहार में उसकी संलिप्तता सामने आई है। 2001 में रांची से सटे हजारीबाग जिले के बेलतू में हथियारबंद माओवादियों ने 13 ग्रामीणों की हत्या कर दी थी। आरोप है कि नक्सलियों ने ग्रामीणों के सिर काटकर उनसे फुटबॉल की तरह खेला था। झारखंड राज्य बनने के बाद यह राज्य में हुई पहली सामूहिक हत्या की घटना थी, जिसने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी।

एसपी अंजनी अंजन ने कहा, “सुनील गंझू हजारीबाग क्षेत्र में सक्रिय नक्सलियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट दे रहा था। इसकी गिरफ्तारी से संगठन की कमर टूट गई है।” पुलिस का मानना है कि यह कार्रवाई नक्सल-मुक्त भारत अभियान को मजबूती देगी। गिरफ्तार नक्सली को कोर्ट में पेश किया जाएगा और आगे की पूछताछ जारी रहेगी।








