झारखंड उत्पाद सिपाही भर्ती: बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर साधा निशाना, प्रक्रिया में देरी और कुव्यवस्था का लगाया आरोप
झारखंड उत्पाद सिपाही भर्ती: बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर साधा निशाना, प्रक्रिया में देरी और कुव्यवस्था का लगाया आरोप
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!रांची, 4 जुलाई : झारखंड में उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष और झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर तीखा हमला बोला है। मरांडी ने भर्ती प्रक्रिया में कथित कुव्यवस्था, देरी और अनियमितताओं के लिए सोरेन सरकार को जिम्मेदार ठहराया, साथ ही आरोप लगाया कि सरकार की लापरवाही के कारण झारखंड के युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है।
मरांडी का सरकार पर हमला
मरांडी ने अपने हालिया एक्स पोस्ट में हेमंत सोरेन सरकार पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने लिखा, “उत्पाद सिपाही भर्ती की दौड़ में सरकार की हठधर्मिता और कुव्यवस्था के कारण 10 से अधिक युवाओं की जान चली गई। भर्ती केंद्रों पर स्वास्थ्य सेवाएं, पीने का पानी और उचित मार्ग व्यवस्था जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव इस त्रासदी का कारण बना।” मरांडी ने दावा किया कि सरकार ने अभ्यर्थियों को पर्याप्त तैयारी का समय नहीं दिया, क्योंकि भर्ती अधिसूचना और शारीरिक दक्षता परीक्षा के बीच केवल 15 दिन का अंतर था।उन्होंने हेमंत सोरेन पर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा, “सरकार नौकरी देने के बजाय युवाओं को मौत बांट रही है। झारखंड के युवा नौकरी की आस में भटक रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी सुध लेने को तैयार नहीं।” मरांडी ने मांग की कि भर्ती प्रक्रिया में हुई मौतों की न्यायिक जांच हो, मृतकों के परिजनों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए, और बिना किसी देरी के भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए।
बाबूलाल ब्रांडी का ट्वीट नीचे लिंक में देखें…
https://x.com/yourBabulal/status/1941001175488516157?t=DhTePFdkpXqd7WIoXFy2zQ&s=19
भर्ती प्रक्रिया में विवाद
पिछले साल अगस्त 2024 में शुरू हुई उत्पाद सिपाही भर्ती की शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान 10 किलोमीटर की दौड़ में 12 से अधिक अभ्यर्थियों की मौत की खबर ने पूरे राज्य को झकझोर दिया था। इन घटनाओं के बाद विपक्ष ने सरकार पर तीव्र हमला बोला और भर्ती प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने की मांग की। इसके जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 3-5 सितंबर 2024 तक भर्ती प्रक्रिया को स्थगित कर दिया और भर्ती नियमावली में बदलाव का निर्देश दिया।नियमावली में संशोधनमार्च 2025 में हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उत्पाद सिपाही भर्ती नियमावली में संशोधन को मंजूरी दी गई। नई नियमावली के तहत 10 किलोमीटर की दौड़ को हटा दिया गया और इसके स्थान पर पुरुष अभ्यर्थियों के लिए 1.6 किलोमीटर की दौड़ (6 मिनट में) और महिला अभ्यर्थियों के लिए 1.6 किलोमीटर की दौड़ (10 मिनट में) का प्रावधान किया गया। साथ ही, भर्ती प्रक्रिया को और पारदर्शी व सुगम बनाने के लिए अन्य बदलाव भी किए गए।

युवाओं की स्थिति और मरांडी की मांग
मरांडी ने आरोप लगाया कि झारखंड में बेरोजगारी की स्थिति गंभीर है और सरकार ने 2 लाख से अधिक रिक्त पदों को “गायब” कर दिया है। उन्होंने कहा कि युवा रोजगार की उम्मीद में भटक रहे हैं, लेकिन भर्ती प्रक्रियाओं में देरी और अनियमितताओं ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। मरांडी ने सरकार से मांग की कि वह बिना किसी विलंब के लिखित परीक्षा आयोजित करे और नियुक्ति पत्र जारी करे ताकि युवाओं को उनका हक मिल सके।
सरकार का जवाब
उत्पाद सिपाही भर्ती में हुई त्रासदियों के बाद सरकार ने नई नियमावली लागू कर सुधार के प्रयास किए हैं, लेकिन मरांडी और अन्य विपक्षी नेताओं का कहना है कि ये कदम अपर्याप्त हैं। विपक्ष ने सरकार पर भर्ती प्रक्रिया को जानबूझकर लटकाने का आरोप लगाया है, जिससे युवाओं में निराशा बढ़ रही है।इस विवाद ने झारखंड में युवा बेरोजगारी और सरकारी नौकरियों की प्रक्रिया में पारदर्शिता के मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है। मरांडी के बयानों ने इस मुद्दे को और गर्म कर दिया है, और अब सभी की नजरें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।





