“बच्चा चोर” की अफवाह से दहला झारखंड, कई निर्दोष अजनबी को ग्रामीणों ने बनाया बंधक
“बच्चा चोर” की अफवाह से दहला झारखंड, कई निर्दोष अजनबी को ग्रामीणों ने बनाया बंधक
दुमका से राजा
दुमका में पिछले कुछ दिनों से बच्चा चोरों के आने की अफवाह ने हड़कंप मचा दिया है। इस अफवाह के चलते ग्रामीणों में डर का माहौल बन गया है, जिसके कारण निर्दोष लोग भी संदेह के घेरे में आकर शिकार बन रहे हैं।दरअसल, दुमका के काठीकुंड, शिकारीपाड़ा,मसानजोर और मुफस्सिल थाना क्षेत्र के दर्जनों गांवों में यह अफवाह तेजी से फैली कि बच्चा चोरों का गिरोह आया है. जो घर के बाहर घूम रहे छोटे-छोटे बच्चों को अपने कब्जे में लेकर भाग रहा है. इस अफवाह के बाद कई ग्रामीण रात में ही लाठी-डंडा लेकर निकल पड़े और कई निर्दोष अजनबी इसके शिकार बन रहे हैं
प्रमुख घटनाएँ:
काठीकुंड में बोलेरो सवार पांच लोग बंधक:
भागलपुर के सन्हौला से तारापीठ जा रहे पांच लोग (राजकुमार चौधरी, सिकंदर वर्मा, नरेंद्र चौधरी, सुधांशु कुमार झा और चालक मो. मनीर) काठीकुंड के चिरुडीह गाँव में बच्चा चोर होने के संदेह में ग्रामीणों द्वारा बंधक बना लिए गए।
ग्रामीणों ने उन्हें आंगनबाड़ी केंद्र में रखा, लेकिन मारपीट नहीं की।
पुलिस और प्रशासन ने मौके पर पहुँचकर स्थिति को संभाला और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर पांचों को सुरक्षित रवाना किया।
आसपास के गाँवों से जुटी भीड़ ने हंगामा करने की कोशिश की, लेकिन चिरुडीह के ग्रामीणों ने बाहरी लोगों को भगाकर मामले को शांत किया।
रानीश्वर में एक व्यक्ति को बिजली के खंभे से बाँधा:
रानीश्वर प्रखंड के आसनबनी पंचायत के पहाड़िया टोला में रविवार रात एक व्यक्ति को चोर समझकर ग्रामीणों ने बिजली के खंभे से बाँध दिया।
यह व्यक्ति स्थानीय निवासी और पेशे से हाईवा चालक निकला। पुलिस ने उसे परिजनों के हवाले कर दिया।
ग्रामीणों ने इस बार पुलिस को सूचना देकर कानून हाथ में लेने से परहेज किया।
अन्य क्षेत्रों में अफरा-तफरी:
रानीश्वर के मुर्गाबनी, बोरा डंगाल, गिरीपुर, कुकडीभाषा, और लकड़ाघाटी जैसे गाँवों में रविवार रात चोर के गाँव में घुसने की अफवाह फैली।
लोग परंपरागत हथियार लेकर रात भर खेत-खलिहानों में कथित चोरों की तलाश करते रहे, लेकिन कोई संदिग्ध नहीं मिला।
अफवाह का प्रभाव:
दुमका के काठीकुंड, शिकारीपाड़ा, मसानजोर, मुफस्सिल, और रानीश्वर जैसे क्षेत्रों में यह अफवाह तेजी से फैली कि बच्चा चोरों का गिरोह बच्चों को उठा रहा है।
इस डर से ग्रामीण अजनबियों को संदेह की नजर से देख रहे हैं और कई मामलों में हिंसक प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
हालाँकि, अभी तक पुलिस को बच्चा चोरी का कोई ठोस मामला नहीं मिला है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह महज अफवाह है।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया:
एसपी की अपील: दुमका के एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने स्पष्ट किया कि बच्चा चोरों के आने की खबर पूरी तरह अफवाह है। उन्होंने लोगों से कहा:
ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें और दूसरों को भी जागरूक करें।
संदिग्ध दिखने पर पुलिस को सूचित करें (112 पर कॉल करें), न कि कानून अपने हाथ में लें।
अफवाह फैलाने या कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जागरूकता अभियान: थाना स्तर पर शांति समिति की बैठकें आयोजित की जा रही हैं ताकि लोग अफवाहों से बचें और शांति बनाए रखें।
हालांकि दुमका में बच्चा चोरों को लेकर फैली अफवाह ने ग्रामीणों में भय और अविश्वास पैदा कर दिया है, जिसके चलते निर्दोष लोग परेशानी झेल रहे हैं। काठीकुंड और रानीश्वर की घटनाएँ इसका उदाहरण हैं। पुलिस और प्रशासन इस स्थिति को नियंत्रित करने में जुटे हैं,
सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलू
डर का माहौल: बच्चा चोरी जैसी संवेदनशील अफवाह ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैलती है, क्योंकि यह सीधे बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी होती है। दुमका में भी यही देखने को मिला।
अजनबियों पर संदेह: इस अफवाह ने अजनबियों के प्रति अविश्वास को बढ़ा दिया है। काठीकुंड में बाहर से आए लोगों और रानीश्वर में स्थानीय युवक को भी संदेह के घेरे में लिया गया।
सोशल मीडिया की भूमिका: इस तरह की अफवाह की घटना में सोशल मीडिया की भूमिका काफी ज्यादा होती है और पुलिस लगातार ऐसे यूजर्स को ढूंढ रही है जिसने दिया इसे फैलाने में योगदान दिया