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उत्तरप्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी गैंग के शूटर अनुज कनौजिया एनकाउंटर में ढेर , झारखंड और यूपी एसटीएफ की संयुक्त कार्यवाही

उत्तरप्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी गैंग के शूटर अनुज कनौजिया एनकाउंटर में ढेर , झारखंड और यूपी एसटीएफ की संयुक्त कार्यवाही
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उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी गैंग के शूटर अनुज कनौजिया को यूपी एसटीएफ और झारखंड पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में एनकाउंटर के दौरान मार गिराया गया। यह घटना शनिवार, 29 मार्च 2025 की देर रात को हुई। अनुज कनौजिया पर हत्या, लूट, रंगदारी और गैंगस्टर एक्ट सहित कुल 23 आपराधिक मुकदमे दर्ज थे, और उस पर 2.5 लाख रुपये का इनाम भी घोषित था।
जानकारी के अनुसार, यूपी के डीजीपी के निर्देश पर मऊ पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए कई टीमें बनाई थीं।
खबर विस्तार से 
घटना
अनुज कनौजिया उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी गैंग का एक प्रमुख शूटर था। वह मऊ जिले का मूल निवासी था और पिछले 5 साल से फरार चल रहा था। उसके खिलाफ मऊ, आजमगढ़, और गाजीपुर जिलों में हत्या, लूट, रंगदारी, और गैंगस्टर एक्ट जैसे गंभीर अपराधों के तहत कुल 23 मुकदमे दर्ज थे। उसकी आपराधिक गतिविधियों के कारण यूपी पुलिस ने उस पर पहले 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था, जिसे हाल ही में बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया गया था। 2022 में आजमगढ़ के तत्कालीन एसपी अनुराग आर्य के नेतृत्व में उसके घर पर बुलडोजर भी चलाया गया था, जिससे उसका प्रभाव कम करने की कोशिश की गई थी।
एनकाउंटर की शुरुआत:
यूपी पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि अनुज कनौजिया झारखंड के जमशेदपुर में गोविंदपुर थाना क्षेत्र के जनता मार्केट के पास अमलता सिटी के भूमिहार सदन में छिपा हुआ था। इस सूचना के आधार पर यूपी के डीजीपी के निर्देश पर मऊ पुलिस ने कई टीमें गठित की थीं। 29 मार्च 2025 को यूपी एसटीएफ और झारखंड एटीएस ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन शुरू किया। शनिवार शाम को पुलिस ने उस इलाके की घेराबंदी की, जहां अनुज छिपा हुआ था।
मुठभेड़ का विवरण:
शाम को जब पुलिस टीम ने अनुज को पकड़ने की कोशिश की, तो उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। उसने घर की खिड़की से 9 एमएम पिस्टल से 12 से 15 राउंड गोलियां चलाईं। पुलिस ने पहले उसे आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी और लोडस्पीकर के जरिए सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन उसने इन चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया और गोलीबारी जारी रखी। इस दौरान यूपी एसटीएफ के डीएसपी धर्मेश कुमार शाही को बाएं हाथ में कंधे के नीचे गोली लगी। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और आत्मरक्षा में फायरिंग शुरू की। इस मुठभेड़ में अनुज कनौजिया गंभीर रूप से घायल हो गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
पुलिस अधिकारी का घायल होना:
एनकाउंटर के दौरान डीएसपी धर्मेश कुमार शाही को गोली लगने के बाद उन्हें तुरंत जमशेदपुर के टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में भर्ती कराया गया। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है और इलाज जारी है।
घटना के बाद की कार्रवाई:
एनकाउंटर के बाद पुलिस ने मौके से 9 एमएम की पिस्टल, कई कारतूस, और अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किया। यूपी एसटीएफ के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अमिताभ यश ने इस ऑपरेशन की जानकारी दी और इसे एक बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा कि अनुज कनौजिया एक खतरनाक अपराधी था, जिसके खिलाफ लंबे समय से कार्रवाई की जा रही थी। पुलिस अब उसके साथियों की तलाश में छानबीन कर रही है और इलाके को सील कर दिया गया है।
महत्व और प्रभाव:
जाहिर है यह एनकाउंटर मुख्तार अंसारी गैंग के खिलाफ यूपी पुलिस की सख्त कार्रवाई का हिस्सा है। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद से उसके गैंग के सदस्यों पर शिकंजा कसा जा रहा है। इस घटना को यूपी और झारखंड पुलिस के बीच बेहतर समन्वय और संगठित अपराध के खिलाफ लड़ाई में एक मील का पत्थर माना जा रहा है। अनुज का मारा जाना इस गैंग के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि वह इसके प्रमुख शूटर्स में से एक था।

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