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कल्पना सोरेन ने सदन में केंद्र सरकार से ऋण और झारखंड सरकार का केंद्र पर बकाया का मुद्दा उठाया

कल्पना सोरेन ने सदन में केंद्र सरकार से ऋण और झारखंड सरकार का केंद्र पर बकाया का मुद्दा उठाया

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झारखंड विधानसभा में 16 वें दिन  गांडेय की विधायक कल्पना सोरेन ने झारखंड को मिलने वाले कर्ज और झारखंड का केंद्र से बकाया राशि का मुद्दा उठाया । कल्पना सोरेन ने आज पूछा कि देश में आठ लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज दूसरे राज्यों को  दिया जा रहा है पंजाब हरियाणा जैसे राज्य है  जिनकी आबादी झारखंड के बराबर है झारखंड से कम है लेकिन उनको  केंद्र ने जो कर दिया  हैं वह  झारखंड से दोगुना है और कई राज्यो में  3 गुना है

सवाल है  कि वित्तीय वर्ष 2009  से 14 से 19 से 24 तक   झारखंड सरकार को विभिन्न माध्यमों से राशि ऋण के रूप में कितनी प्राप्त हुई है

दूसरा सवाल है कि झारखंड सरकार वर्तमान में झारखंड सरकार प्रतिवर्ष कितनी राशि ऋण के रूप में प्राप्त करना चाहती है

इस पर जवाब देते हुए मंत्री सुदिव्य सोनू ने कहा की  मोटे तौर पर जो पूरक  मुझे प्राप्त हुई है उसके अनुसार 2009 में से लेकर  14 तक 20 हजार 825 करोड़ वित्तीय वर्ष 2014 से 2018-19 तक 42 हजार956 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान 9593 करोड़ रूपया दिन हम लोगों ने  केंद्र से लिया है

उन्होंने कहा की यह बात बिल्कुल सही है कि भारत सरकार के द्वारा  यूनियन में तमाम राज्यों के साथ एक जैसा बर्ताव नहीं किया जाता है कुछ राज्यों को राजनीतिक दृष्टिकोण से ज्यादा मदद की जाती है और हमारे जैसे राज्यों को निश्चित रूप से कहीं ना कहीं इन दुश्वारियां का सामना करना पड़ता है लेकिन सत्य है कि तमाम परिस्थितियों के बाद भी झारखंड में पिछले 6 वर्षों में वित्तीय मामले में देश में सर्वश्रेष्ठ  है

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आज ऋण लेने के मामले में एफ़आरबीएम एक्ट के तहत जो 3 प्रतिशत का कर्ज़ लिया जाता है उसकी सीमा से भी झारखंड नीचे हैं यह हमारा वित्तीय प्रबंधन काफी अच्छा है हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड ने सिर्फ 2.27 प्रतिशत का कर्ज़ लिया है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारा वित्तीति प्रबंधन जिस तरीके से रहा है उसने राज्य में कल्याणकारी योजनाओं को संचालित करने के लिए पैसे की कमी नहीं होने  दी है । महिला  सम्मान के नाम पर हमारे विपक्षी सदस्यों के द्वारा जो भ्रम लगातार फैलाया गया कि सरकार कर्ज के बोझ में चली गई सरकारी इसे नही चला  पाएगी ।

उन्होंने कहा की  भारत पूरे भारतवर्ष में  इकलौता राज्य है   जिसने 3%  से कम का कर्ज लिया ।  झारखंड ने 20 हजार 83 करोड़ रूपया का मात्र  ऋण प्राप्त किया था  वर्तमान वित्तीय वर्ष 24 -25 में एफ़आरबीएम एक्ट के तक राज्य के  3%  के तहत और  20 हजार करोड़  रूपया का ऋण ले सकता है

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उन्होंने कहा कि मैं बड़े स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि सरकार को  कुल बकाया की राशि सभी विभागों से प्राप्त करने में थोड़ा सा समय लगेगा लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि चलते सत्र में ही इस राशि की गणना करके कुल राशि  का डिटेल चलते सदन के सामने रखूंगा

 

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