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कृषि विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा, 12 ब्लैकलिस्टेड कंपनियों को फिर मिल रहे ठेके- सीपीआई

रांची : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के राज्य कार्यकारिणी सदस्य सह रांची जिला सचिव अजय सिंह ने आज प्रेस वार्ता कर कृषि विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि PDMC (प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सूक्ष्म सिंचाई) योजना में किसानों को घटिया एवं गैर-मानक (नॉन-स्टैंडर्ड) प्लास्टिक पाइप व उपकरण सप्लाई करने वाली 12 से अधिक कंपनियों को 2023 में ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था, लेकिन महज 8 दिन के अंदर ही बिना किसी नई जांच के इन्हें फिर से काम दे दिया गया।

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अजय सिंह ने कहा कि ये सभी कंपनियां आज भी झारखंड के कृषि विभाग में 60% से अधिक कार्यादेश हासिल कर रही हैं, जबकि CIPET (Central Institute of Petrochemicals Engineering & Technology) की आधिकारिक जांच रिपोर्ट में इनके उत्पाद पूरी तरह नॉन-स्टैंडर्ड पाए गए थे।

ब्लैकलिस्टेड कंपनियों की सूची जिनके सैंपल CIPET में फेल हुए उनमें Mohit India, Makknow Industries, Global E Mechanical Equipment, Premier Irrigation, Adritec Pvt Ltd, Nimbus Pipes Ltd, Mohit Polytech Pvt Ltd, Vedanta Polymers Pvt Ltd, Rungta Irrigation Limited, Shree Bhandari Plastic Pvt Ltd, Bharat Drop Irrigation and Agro, RM Drip and Sprinklers System Ltd, Samay Irrigation Pvt Ltd शामिल हैं।

अजय सिंह ने कहा, “मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी भ्रष्टाचार हटाने का दम भरते हैं, लेकिन विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से उनका दावा खोखला साबित हो रहा है। CIPET की रिपोर्ट को दरकिनार कर ब्लैकलिस्टेड कंपनियों को फिर से ठेके देना स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार का मामला है।”

सीपीआई ने मांग की है कि सभी दोषी अधिकारियों व कंपनियों की तुरंत पहचान कर सख्त कार्रवाई हो, किसानों को गुणवत्तायुक्त उपकरण मिले, उनके मान-सम्मान के साथ खिलवाड़ बंद हो। साथ ही कहा कि भ्रष्टाचारियों को बख्शा न जाए, ताकि सरकार की योजनाएं सही ढंग से लागू हो सकें।

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