20250926 095900

मिग-21: 62 साल की गौरवपूर्ण सेवा का अंत, आज चंडीगढ़ एयरबेस पर भव्य रिटायरमेंट सेरेमनी

SNSP Meternal Poster page 001

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

भारतीय वायुसेना (IAF) का प्रतिष्ठित फाइटर जेट मिग-21 आज आधिकारिक रूप से रिटायर हो जाएगा। 1963 में पहली बार शामिल किए गए इस विमान ने 62 वर्षों तक भारत की हवाई रक्षा की रीढ़ का काम किया है। इसे “भारतीय वायुसेना का वर्कहॉर्स” कहा जाता रहा है, जो अपनी सादगी, गति और बहादुरी की कहानियों के लिए मशहूर है। चंडीगढ़ एयर फोर्स स्टेशन पर आयोजित रिटायरमेंट सेरेमनी में एक भव्य फ्लाइपास्ट, डीकमीशनिंग इवेंट और वाटर सैल्यूट का आयोजन होगा। यह वही जगह है जहां 1963 में मिग-21 को पहली बार शामिल किया गया था।

Banner Hoarding

रिटायरमेंट सेरेमनी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि होंगे। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह (IAF प्रमुख), थल सेना और नौसेना के प्रमुख उपस्थित होंगे। छह पूर्व एयर चीफ्स और सैकड़ों वेटरन पायलट्स व परिवार भी शामिल होंगे।

RI Tikakaran Banner 6x4 01 page 001

“बदल” और “पैंथर” फॉर्मेशन्स में तीन-तीन मिग-21 विमान आखिरी बार आसमान में उड़ान भरेंगे। जगुआर फाइटर्स और सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम के साथ मॉक डॉगफाइट सिमुलेशन भी होगा। एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह खुद आखिरी सॉर्टी उड़ाएंगे। इस दौरान विमान के लॉगबुक (फॉर्म 700) का प्रतीकात्मक हस्तांतरण रक्षा मंत्री को सौंपा जाएगा, जो मिग-21 के अध्याय का आधिकारिक समापन दर्शाएगा।

RI Tikakaran Banner 6x4 03 page 001

मिग-21 को सोवियत संघ से आयात किया गया था, लेकिन भारत में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने 700 से अधिक यूनिट्स का निर्माण किया। यह भारत का पहला सुपरसोनिक जेट था, जिसने 1965 भारत-पाक युद्ध, 1971 बांग्लादेश मुक्ति संग्राम, 1999 कारगिल युद्ध और 2019 बालाकोट एयर स्ट्राइक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

RI Tikakaran Banner 6x4 02 page 001

हालांकि, इसकी पुरानी तकनीक और रखरखाव चुनौतियों के कारण 400 से अधिक पायलट्स की जानें गईं, लेकिन इसकी विरासत अमिट है। रिटायरमेंट के बाद IAF की स्क्वाड्रन्स की संख्या 29 रह जाएगी, लेकिन तेजस LCA Mk1A जैसे स्वदेशी जेट इसकी जगह लेंगे।

1

Share via
Send this to a friend