भारत में 54 साल बाद सुरक्षा मॉक ड्रिल, सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल में क्या क्या होगा जानिए इस रिपोर्ट में
आज भारत में 244 से 295 जिलों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है, जो पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर किया जा रहा है। यह ड्रिल 1971 के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर हो रही है। इसका उद्देश्य युद्ध जैसी स्थिति, विशेष रूप से हवाई हमलों, से निपटने की तैयारी करना और नागरिकों को सुरक्षा उपायों का प्रशिक्षण देना है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!हवाई हमले की चेतावनी के लिए सायरन बजाए जाएंगे (लंबी आवाज़ अलर्ट के लिए, छोटी आवाज़ स्थिति सामान्य होने पर)। शाम 7 बजे के बाद कुछ क्षेत्रों में ब्लैकआउट का अभ्यास होगा। नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने, बंकरों का उपयोग करने, और आपातकालीन प्रोटोकॉल का पालन करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें आग बुझाने, घायलों को बचाने, और गोलीबारी से बचने के तरीके शामिल हैं।
मॉक ड्रिल खासकर सीमावर्ती राज्यों (जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात) और सामरिक रूप से संवेदनशील जिलों में होगी। दिल्ली में यह दिल्ली कैंट में आयोजित होगी, और अन्य शहरों जैसे लखनऊ, जोधपुर, जैसलमेर, रांची और श्रीगंगानगर में भी तैयारियां हैं। ड्रिल में वायुसेना के साथ हॉटलाइन, रेडियो-संचार, और नियंत्रण कक्षों की कार्यक्षमता का परीक्षण शामिल है। कुछ क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
मॉक ड्रिल न केवल नागरिक सुरक्षा के लिए है, बल्कि पाकिस्तान को रणनीतिक संदेश भी देती है कि भारत संभावित खतरों के लिए सतर्क और तैयार है। नागरिकों को सलाह दी गई है कि सायरन सुनते ही शांत रहें और सुरक्षित स्थान (बंकर या मजबूत इमारत) की ओर जाएं। और आपातकालीन किट तैयार रखें जैसे टॉर्च, पानी, प्राथमिक चिकित्सा किट, और गैर-नाशपति भोजन। बता दें कि यह ड्रिल आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और प्रशासन की तैयारियों को परखने के लिए है। इसे गंभीरता से लें, लेकिन घबराएं नहीं।





