नीरज सिंह हत्याकांड: 8 साल बाद कोर्ट का बड़ा फैसला, सभी आरोपी बरी
धनबाद: कोयलांचल के चर्चित नीरज सिंह हत्याकांड मामले में 8 साल, 5 महीने और 5 दिन बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश-16, एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश दुर्दश चंद्र अवस्थी की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया। इस फैसले के खिलाफ नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह ने हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!21 मार्च 2017 की शाम धनबाद के सरायढेला थाना क्षेत्र के स्टील गेट के पास पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह, उनके ड्राइवर घल्टू महतो, पी.ई. अशोक यादव और बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दो बाइकों पर सवार चार हमलावरों ने नीरज सिंह की गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। इस घटना ने कोयलांचल को दहला दिया था। 23 मार्च 2017 को नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह उर्फ गुड्डू सिंह ने सरायढेला थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।
अभिषेक सिंह की शिकायत पर संजीव सिंह, जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, गया सिंह, महंत पांडे और सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष सिंह को आरोपी बनाया गया। बाद में अप्राथमिकी अभियुक्तों के रूप में धनजी सिंह, संजय सिंह, पंकज सिंह, शूटर अमन सिंह, सतीश सिंह, कुर्बान अली और सागर सिंह के नाम जोड़े गए। पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें यूपी के अंबेडकर नगर के शूटर अमन सिंह, सुल्तानपुर के कुर्बान अली, बलिया के चंदन सिंह, सुल्तानपुर के शिबू उर्फ सागर सिंह, समस्तीपुर के डब्लू मिश्रा, झरिया के विनोद सिंह, सरायढेला के धनजी सिंह, जैनेंद्र सिंह, संजय सिंह और प्रयागराज के धर्मेंद्र प्रताप सिंह शामिल थे।
मामले की सुनवाई 408 तारीखों और छह अदालतों में पूरी हुई। 3 जनवरी 2019 को 49 तारीखों पर आरोप तय किए गए। अभियोजन पक्ष ने 106 तारीखों पर 74 में से 37 गवाहों के साथ साक्ष्य प्रस्तुत किए। बचाव पक्ष ने 86 तारीखों पर 5 गवाह पेश किए। दोनों पक्षों की ओर से 49 तारीखों पर बहस हुई। 10 आरोपी मुकदमे का सामना कर रहे थे। 7 आरोपी जमानत पर हैं, जबकि 3 आरोपी (विनोद कुमार, सागर सिंह उर्फ शिबू और चंदन सिंह) क्रमशः धनबाद, कोडरमा और पलामू जेल में बंद हैं।







