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छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य, संतान सुख और शुभ फल की प्राप्ति में बन रहे कई दुर्लभ योग

बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों में मनाए जा रहे लोकपर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है। इस पावन अवसर पर व्रती शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित यह चार दिवसीय व्रत संतान सुख, पारिवारिक समृद्धि और शुभ फल प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है।

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छठ पूजा के तीसरे दिन को खरना के बाद का मुख्य दिन कहा जाता है। व्रती निर्जल उपवास रखकर सायंकाल में नदी, तालाब या घाटों पर एकत्रित होकर डूबते सूर्य को दूध, फल और ठेकुआ से बने प्रसाद का अर्घ्य देते हैं। मान्यता है कि इस अर्घ्य से सूर्य देव की कृपा से संतान के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और परिवार पर आने वाली विपत्तियां दूर होती हैं।

इस वर्ष छठ का तीसरा दिन सोमवार को पड़ रहा है, जो सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग जैसे दुर्लभ शुभ योगों का साक्षी बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इन योगों में किया गया अर्घ्य व्रती को विशेष फल प्रदान करता है। सोमवार का दिन भगवान शिव को भी प्रिय है, जिससे व्रत का महत्व और बढ़ जाता है।

छठ पूजा प्रकृति पूजा का अनुपम उदाहरण है। इसमें रासायनिक रंगों का प्रयोग नहीं होता और प्रसाद पूरी तरह प्राकृतिक सामग्री से बनाया जाता है। यह पर्व महिलाओं की दृढ़ संकल्प शक्ति और परिवार के प्रति समर्पण का प्रतीक है।

छठ महापर्व को लेकर झारखंड सरकार ने छठ घाटों सहित प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा, स्वच्छता और चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित की है। ड्रोन कैमरों से निगरानी और गोताखोरों की तैनाती की गई है। यातायात पुलिस ने वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

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