डीपीएस रांची के प्राचार्य और प्राइमरी विंग की इंचार्ज की विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन से मुलाकात
डीपीएस रांची के प्राचार्य और प्राइमरी विंग की इंचार्ज की विधायक श्रीमती कल्पना मुर्मू सोरेन से मुलाकात
झारखंड में शैक्षिक समृद्धि पर जोर
झारखंड में शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति और छात्रों के कौशल विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस), रांची के प्राचार्य डॉ. राम कृष्ण झा और प्राइमरी विंग की इंचार्ज प्रभा सिंह ने झारखंड विधानसभा की सम्मानित सदस्य एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन से मुख्यमंत्री आवास में एक औपचारिक मुलाकात की। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य राज्य के शैक्षिक परिदृश्य को समृद्ध करने और शिक्षा को झारखंड के विकासात्मक लक्ष्यों के साथ जोड़ने की रणनीतियों पर विचार-विमर्श करना था।
मुलाकात का उद्देश्य और चर्चा के प्रमुख बिंदु
मुलाकात के दौरान, डॉ. आर.के. झा और प्रभा सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और आधुनिक दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विशेष रूप से अनुभवात्मक और योग्यता-आधारित शिक्षा को मुख्यधारा में शामिल करने की वकालत की, जो छात्रों को न केवल एकेडमिक रूप से बल्कि व्यावहारिक और जीवन कौशलों में भी सशक्त बनाए।
निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया गया:
21वीं सदी के कौशल विकास: डॉ. झा ने बताया कि डीपीएस रांची का लक्ष्य एक ऐसा शिक्षण वातावरण तैयार करना है, जो छात्रों को आलोचनात्मक सोच, समस्या समाधान, सहयोग और डिजिटल साक्षरता जैसे कौशलों से लैस करे। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य एक ऐसा शिक्षण वातावरण विकसित करना है जो 21वीं सदी के कौशल के विकास को बढ़ावा दे, छात्रों को वैश्विक कार्यबल की गतिशील मांगों को पूरा करने के लिए सशक्त बनाए।”
प्रारंभिक शिक्षा में कौशल विकास: प्रभा सिंह ने प्रारंभिक शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि बच्चों में कम उम्र से ही कौशल विकास की नींव डालना उनके सीखने के तरीके और भविष्य के अवसरों पर गहरा प्रभाव डालता है। उन्होंने कहा, “कौशल विकास के बारे में प्रारंभिक जानकारी बच्चे के सीखने के तरीके और भविष्य के अवसरों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है।”
शिक्षा और सामाजिक विकास का समन्वय: कल्पना मुर्मू सोरेन ने इस बात पर जोर दिया कि शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका केवल डिग्री प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक विकास और समावेशी प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान देना है। उन्होंने झारखंड के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता बढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
कल्पना मुर्मू सोरेन का योगदान और समर्थन
कल्पना मुर्मू सोरेन ने डीपीएस रांची के सक्रिय और प्रगतिशील दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने शिक्षा के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन लाने की दिशा में स्कूल के प्रयासों को महत्वपूर्ण बताया और इसे झारखंड के समग्र विकास के लिए एक सकारात्मक कदम माना। उन्होंने डीपीएस रांची को आश्वासन दिया कि वह राज्य भर में छात्रों के बीच कौशल विकास को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों को लागू करने के लिए निरंतर सहयोग प्रदान करेंगी।
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार शिक्षा और कौशल विकास को प्राथमिकता दे रही है, सरकार के साथ निजी शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। कल्पना सोरेन ने विशेष रूप से उन पहलुओं का समर्थन किया, जो वंचित और ग्रामीण समुदायों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अवसर प्रदान करने पर केंद्रित हैं।
डीपीएस रांची की प्रतिबद्धता
डॉ. आर.के. झा ने इस अवसर पर डीपीएस रांची की प्रतिबद्धता को दोहराया, जिसमें न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता बल्कि समग्र विकास पर जोर देना शामिल है। उन्होंने कहा कि स्कूल का लक्ष्य नई पीढ़ी को ऐसी शिक्षा प्रदान करना है, जो उन्हें वैश्विक चुनौतियों का सामना करने और समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए तैयार करे। प्रभा सिंह ने प्राइमरी विंग के तहत किए जा रहे नवाचारों का उल्लेख किया, जैसे कि प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षण, रचनात्मक गतिविधियां और डिजिटल टूल्स का उपयोग, जो बच्चों में जिज्ञासा और आत्मविश्वास को बढ़ावा देते हैं।
भविष्य की योजनाएं और सहयोग
इस मुलाकात ने भविष्य में सहयोग की संभावनाओं को और मजबूत किया। डीपीएस रांची ने कल्पना मुर्मू सोरेन के साथ मिलकर कार्यशालाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और सामुदायिक पहलों को शुरू करने की इच्छा जताई, जो विशेष रूप से कौशल विकास और नवाचार पर केंद्रित हों। कल्पना सोरेन ने इन प्रस्तावों का स्वागत किया और सुझाव दिया कि ऐसे कार्यक्रमों को झारखंड के विभिन्न हिस्सों में लागू किया जाए ताकि अधिक से अधिक छात्र लाभान्वित हो सकें।
जाहिर है यह मुलाकात झारखंड में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है क्योंकि इसमें डीपीएस रांची और कल्पना मुर्मू सोरेन जैसे प्रभावशाली नेतृत्व ने शिक्षा और सामाजिक विकास के बीच तालमेल की आवश्यकता को रेखांकित किया। डीपीएस रांची की यह पहल न केवल स्कूल के दृष्टिकोण को दर्शाती है, बल्कि यह भी प्रदर्शित करती है कि कैसे शैक्षणिक संस्थान और नीति निर्माता मिलकर एक समृद्ध और सशक्त समाज की नींव रख सकते हैं।