बीआइटी सिंदरी के छात्रों ने बनाया वऊ हैलम हेलमेट , हादसा होते ही स्वचालित हेलमेट एंबुलेंस, परिजनों व अस्पतालों को करेगा सूचित
विकास कुमार / धनबाद
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!आईटी सिंदरी के छात्रों ने बनाया स्मार्ट हेलमेट वऊ हैलम
हादसा होते ही स्वचालित हेलमेट एंबुलेंस, परिजनों व अस्पतालों को सूचित करेगा वऊ हैलम हेलमेट………
वऊ हैलम का स्मार्ट हेलमेट रियल टाइम लोकेशन और ट्रैफिक अपडेट भी साझा करता है.
पंकज राय निदेशक BIT सिंदरी
भारत में सड़क हादसों से होने वाली मौतों का आंकड़ा दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। बाइक से हो रही दुर्घटनाओं के कारण मौतों के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है। इनमें अधिकांश मौतें बाइक चालकों के हेलमेट नहीं पहनने के कारण होती है। सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की जान बचाने के लिए बीआईटी सिंदरी के प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग विभाग के छात्र सैयद अदनान अहमद ने अपनी टीम के साथ एक क्रांतिकारी तकनीक स्मार्ट हेलमेट विकसित की है। स्मार्ट हेलमेट न केवल सिर को गंभीर चोटों से बचाएगा। हादसा होते ही स्वचालित रूप से एंबुलेंस, परिजनों व अस्पतालों को सूचित करेगा। जिससे त्वरित चिकित्सा सहायता सुनिश्चित की जा सकेगी। हेलमेट का नाम वऊ हैलम है ।
टीम लीडर अदनान अहमद ने बताया कि इस इनोवेटिव हेलमेट डिवाइस को स्टार्टअप वऊ हैलम के तहत विकसित किया गया है। हेलमेट में अत्याधुनिक सेंसर और जीपीएस लगे हैं। जो दुर्घटना की स्थिति का तुरंत पता लगाते हैं। हादसा होते ही यह डिवाइस 5 किलोमीटर की दायरे में मौजूद एंबुलेंस, परिजनो और नजदीकी अस्पतालों को अलर्ट भेज देती है। जिससे घायलों को शीघ्र चिकित्सा सहायता मिल सके। वऊ हैलम का स्मार्ट हेलमेट रियल टाईम लोकेशन और ट्रैफिक अपडेट भी साझा करता है। जिससे एंबुलेंस तेजी से मौके पर पहुंच सके।
अदनान अहमद की टीम में दर्शी जैन (बीबीए), विवेक तिवारी (सीएसई), हर्ष कुमार (मेकेनिकल) तथा मनोसर झा (ईसीई) शामिल हैं। बीआईटी सिंदरी के इनोवेशन और इनक्यूवेशन सेंटर ने इस स्टार्टअप वऊ हैलम को निबंधित किया है।





