गोड्डा में पुलिस मुठभेड़ में सूर्या हांसदा की मौत, लंबा था आपराधिक इतिहास ।
गोड्डा में पुलिस मुठभेड़ में सूर्या हांसदा की मौत, लंबा था आपराधिक इतिहास ।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!गोड्डा, झारखंड: गोड्डा जिले के ललमटिया इलाके के जंगली और पहाड़ी क्षेत्र में रविवार को पुलिस के साथ मुठभेड़ में सूर्या हांसदा की मौत हो गई। सूर्या हांसदा, जो 2019 में बीजेपी के टिकट पर बोरियो विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके थे, का शव गोली के निशानों के साथ बरामद हुआ है। पुलिस के अनुसार, सूर्या को रविवार को गिरफ्तार किया गया था और हथियार बरामद करने के लिए ललमटिया के जंगल में ले जाया गया था।
मुठभेड़ की घटना
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सूर्या हांसदा को हथियारों की तलाशी के लिए ललमटिया ले जाया गया था। इस दौरान उनके साथियों ने पुलिस पर हमला कर दिया और सूर्या ने पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोलीबारी में सूर्या हांसदा मारा गया। पुलिस ने इस घटना को एनकाउंटर बताया है।
आपराधिक इतिहास
सूर्या हांसदा का आपराधिक रिकॉर्ड लंबा रहा है। गोड्डा और साहेबगंज जिले के विभिन्न थानों (ललमटिया, बोआरीजोर, ठाकुरगंगटी, बोरियो, मंडरो) में उनके खिलाफ हत्या, आगजनी, लूट और अन्य अपराधों के दर्जनों मामले दर्ज थे। विशेष रूप से, 9 जनवरी 2020 को ठाकुरगंगटी थाना क्षेत्र के बहादुरचक में अडाणी कंपनी के वाटर पाइपलाइन कार्य में लगे वाहनों में आगजनी की घटना में सूर्या का नाम सामने आया था। पुलिस पूछताछ में उनके सहयोगियों ने खुलासा किया था कि सूर्या ने अपने घर में मीटिंग कर इस घटना की साजिश रची थी और पेट्रोल-डीजल उपलब्ध करवाकर वाहनों को जलाने का आदेश दिया था।
पुलिस का बयान
गोड्डा पुलिस ने बताया कि सूर्या हांसदा कई आपराधिक मामलों में फरार था। गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर छिपाए गए हथियारों को बरामद करने की कोशिश की जा रही थी। मुठभेड़ के दौरान उसके साथियों के हमले और भागने की कोशिश के बाद पुलिस को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।
विवाद और जांच
जाहिर है की सूर्या हांसदा की मौत ने स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया है। उनके बीजेपी से जुड़े होने के कारण इस घटना ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और मुठभेड़ की परिस्थितियों की गहन छानबीन की जा रही है।





