लद्दाख में हिंसक प्रदर्शन: पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर बीजेपी कार्यालय में आगजनी, सोनम वांगचुक ने तोड़ा अनशन
लद्दाख में हिंसक प्रदर्शन: पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर बीजेपी कार्यालय में आगजनी, सोनम वांगचुक ने तोड़ा अनशन
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!डेस्क ,लेह, 24 सितंबर : केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन बुधवार को हिंसक हो उठा। लेह की सड़कों पर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों, खासकर युवा और जेन-जेड पीढ़ी, ने उग्र प्रदर्शन किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के स्थानीय कार्यालय में आग लगा दी और पुलिस वाहनों को भी निशाना बनाया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। इस हिंसा के बाद मशहूर पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने 15 दिनों से चल रहा अपना भूख हड़ताल समाप्त कर दिया और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
प्रदर्शन का कारण
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लद्दाख में लंबे समय से पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है। यह मांग 2019 में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद से और तेज हो गई है। छठी अनुसूची आदिवासी क्षेत्रों को स्वायत्त प्रशासनिक अधिकार प्रदान करती है, जिससे भूमि, संस्कृति और संसाधनों की रक्षा हो सके। लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (KDA) इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आंदोलन तब और तेज हुआ जब मंगलवार शाम को 35 दिनों से चल रही भूख हड़ताल में शामिल 15 लोगों में से दो की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। इसके जवाब में LAB की युवा शाखा ने बुधवार को पूर्ण बंद और विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था।
हिंसा का दौर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बुधवार को लेह में प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने बीजेपी कार्यालय की ओर कूच किया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शन के दौरान स्थिति बेकाबू हो गई। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय में आग लगा दी, कई पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया और पथराव किया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में बीजेपी कार्यालय से धुआं उठता दिखाई दे रहा है, और कई वाहन जलते हुए नजर आए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। लेह के जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोंक ने क्षेत्र में तनाव को देखते हुए कर्फ्यू की घोषणा की। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इस हिंसा में कितने लोग घायल हुए हैं।
सोनम वांगचुक की प्रतिक्रिया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रसिद्ध जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक, जो इस आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे हैं, ने हिंसा पर गहरा दुख जताया। उन्होंने अपने 15 दिन के अनशन को समाप्त करते हुए एक वीडियो संदेश में कहा, “मुझे यह बताते हुए दुख हो रहा है कि लेह में प्रदर्शन के दौरान कई कार्यालय और पुलिस वाहन तोड़े और जलाए गए। मैं युवाओं से अपील करता हूं कि आगजनी और झड़पों को बंद करें। हिंसा हमारे लक्ष्य को नुकसान पहुंचा सकती है।” उन्होंने प्रशासन से भी आंसू गैस और लाठीचार्ज बंद करने का अनुरोध किया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने हिंसक प्रदर्शन का वीडियो साझा करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, “यह कश्मीर नहीं, लद्दाख है। लेह, जो शांतिपूर्ण आंदोलनों के लिए जाना जाता था, अब हिंसक रास्ता अपना रहा है। केंद्र सरकार को यह गंभीरता से सोचना चाहिए कि 2019 के बाद से वास्तव में क्या बदला है। लोग खुद को ठगा हुआ और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।”
नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक तनवीर सादिक ने भी हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए केंद्र सरकार के कुप्रबंधन पर सवाल उठाए।





