राजनीतिक पार्टियों ने खुलकर समर्थन किया

कृषि कानूनों के खिलाफ राजनीतिक पार्टियों ने खुलकर समर्थन किया।

मोदी सरकार के लाये तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने सोमवार को बुलाये भारत बंद बुलाया. जिसका कई राजनीतिक पार्टियों ने खुलकर समर्थन किया. रांची में बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला है. बंद के समर्थन में राजधानी रांची में गैर भाजपा राजनीति दल विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर उतरे. इसमें झामुमो, कांग्रेस, राजद और वामदल, आईयूएमएल(IUML) समेत कई संगठनों के कार्यकर्ताओं शामिल रहे. सभी ने एक साथ सड़क पर उतरकर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की.झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि देश के किसान, मजदूर, आवाम और जवान सभी इस आंदोलन के साथ हैं.उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जमीन से लेकर आसमान तक का सौदा पीएम नरेंद्र मोदी ने करने का काम किया है.
इन्हे भी पढ़े :-बिनोद बिहारी बाबू को पितामह का दर्जा दे हेमंत सोरेन सरकार – संजय लाल महतो
सुप्रियो ने केंद्र सरकार को थेथर (एक तरह का पौधा) का संज्ञान देते हुए कहा कि “थेथर” का इलाज सिर्फ झारखंडियों के पास है. उसी का पहला डोज देने के लिए हम सभी साथ आए हैं.हजारीबाग के पूर्व सांसद और भाकपा माले के नेता भुनेश्वर मेहता ने कहा कि भारत में बड़े पैमाने पर देश के 40 किसान संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है.आज के इस भारत बंद में देश के सभी मजदूर संगठनों का भी साथ मिला है. उन्होंने कहा कि जब तक तीनों कृषि कानून को वापस नहीं लिया जाता है, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.भाकपा माले के नेता और हटिया विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी सुभाष मुंडा ने कहा कि देश के किसान और मजदूर संगठित हैं. कृषि कानून और मजदूर विरोधी कानून के खिलाफ देशभर में आक्रोश है, जिसकी बानगी रांची में भी देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि देश के किसान 9 महीने से आंदोलन कर रहे हैं. अब पीएम मोदी को हठधर्मिता छोड़ देनी चाहिए.वहीं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश महासचिव कमलेश यादव ने कहा कि 2024 में भाजपा सरकार की देश से विदाई तय है. राजद के महासचिव इरफान अंसारी ने कहा कि राज्य भर में राजद के नेता और कार्यकर्ता सक्रिय होकर किसान बिल के विरोध में आज सड़कों पर उतरे हैं.
इन्हे भी पढ़े :- दुमका पुलिस ने बिहार ले जा रही 4 लाख की शराब को पकड़ा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via