नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा से प्राप्त करें यश और सफलता

नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी को समर्पित है, जो शक्ति, साहस और विजय की प्रतीक हैं। मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों को यश, सफलता और वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। इस दिन मां की कृपा से जीवन के सभी क्षेत्रों में बाधाएं दूर होती हैं और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

मां कात्यायनी की पूजा का महत्व
मां कात्यायनी को भगवान विष्णु की माया और शक्ति का स्वरूप माना जाता है। पुराणों के अनुसार, मां ने महिषासुर का वध कर भक्तों की रक्षा की थी। इस दिन भक्त मां की पूजा लाल रंग के वस्त्र पहनकर, लाल पुष्प और शहद का भोग लगाकर करते हैं। मंत्र जाप और कात्यायनी यंत्र की पूजा से विशेष फल प्राप्त होता है।

पूजा विधि
प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। मां कात्यायनी की मूर्ति या चित्र को लाल कपड़े पर स्थापित करें, जिसके बाद मां कात्यायनी को दीप प्रज्वलन, पुष्प, धूप और नैवेद्य अर्पित करें। इस दौरान”ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” का 108 बार जाप करें। पूजा के अंत में मां की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

मां कात्यायनी का आशीर्वाद
मां कात्यायनी की कृपा से अविवाहित लोगों को योग्य जीवनसाथी मिलता है, और कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपने जीवन में साहस और यश की कामना करते हैं।





