बड़ा भाई छोटा भाई के नाम पर कर रहा था CCL में जॉब DRISHTI NOW NEWS का खुलासा
रामगढ़ से आकाश शर्मा की रिपार्ट
बड़ा भाई दुखु करमाली कैसे बन गया छोटा भाई। जब छोटे भाई का नाम है गणेश करमाली, तो बड़े भाई का नाम गणेश-2 कैसे हो गया? होना चाहिए था तो गणेश-1 और छोटे गणेश करमाली को होना था गणेश-2 दोनों के पिता है स्व रामकृष्ण करमाली। और इन बातों को अगर हम अलग कर रखें, तो हमारे यहां किसी अंक से नाम नहीं रखा जाता। हां गांव में, मुहल्लों में दो या तीन लोगों का एक ही नाम हो, तो लोग नाम के साथ एक नंबर या दो नंबर लगा देते हैं। वह भी बहुत कम होता है। गोला प्रखंड के ग्राम डिमरा और उसके आसपास, जहां गणेश करमाली का घर है। सभी जानते हैं कि गणेश करमाली के बड़ा भाई का नाम दुखु करमाली है।’अब अपने ही जीवित रहने का प्रमाण ढूंढ रहा है गणेश’, तो पंचायत प्रतिनिधियों के बीच खलबली मच गई। लोग सच्चाई जानने के प्रयास में गणेश करमाली और दुखु करमाली के घर के साथ-साथ पंचायत प्रतिनिधियों के पास पहुंचने लगे।पंचायत प्रतिनिधि उप प्रमुख प्रभात प्रकाश सिंह, जिन्होंने सुरेंद्र करमाली द्वारा अपने पिता गणेश 2 की मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए दिए गए आवेदन में सत्यापित किया है कि गणेश 2 की मौत डिमरा गांव में हुई है।उप प्रमुख ने कहा है कि मैंने डाक्यूमेंट्स के आधार पर आवेदन में सत्यापन की है।
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हम लोग गांव वाले गणेश-2 को दुखु करमाली ही जानते हैं, परंतु उसका डाक्यूमेंट्स आधार और पैन कार्ड में गणेश 2 ही नाम है।सुरेंद्र करमाली द्वारा अपने पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए दिए गए आवेदन में कहा गया है कि मेरे पिता गणेश-2 की मौत हो गई है। उक्त आवेदन को मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य, अंगणवाडी सेविका और उप प्रमुख द्वारा भी सत्यापन किया गया है।मामला जब प्रकाश में आया तो, आवेदन पर कार्रवाई शुरू हुई। पंचायत सेवक अर्जुन महली ने बताया कि आवेदन अभी बीडीओ साहब के पास लंबित है, गणेश टू का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है।आवेदन का सत्यापन यानी जांच के लिए गांव पहुंचे पंचायत सेवक अर्जुन महली को गणेश करमाली के पुत्र ने बताया कि उसके पिता जीवित हैं और वे घर पर हैं।गणेश करमाली ने पंचायत सेवक को बताया कि वह जीवित हैं और उसके बड़े भाई दुखु करमाली की मौत अप्रैल में हुई है। गणेश करमाली से पंचायत सेवक ने सुरेंद्र करमाली से पिता गणेश करमाली के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए दिए आवेदन में लिखवाया कि वह जीवित हैं और उनके बड़े भाई दुखु करमाली की मौत हो गई है।अब गणेश करमाली प्रखंड कार्यालय का चक्कर अपने ही जीवित होने के प्रमाण पत्र के लिए काट रहा है।उसने बताया कि काफी वर्षों के बाद उन्हें पता चला है कि उनके बड़े भाई दुखु करमाली ने उनके नाम से सीसीएल भुरकुंडा में 35 वर्षों तक नौकरी की।
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