तहव्वुर राणा को अजमल कसाब की तरह फांसी की सजा का सता रहा डर, NIA अफसरों से बार-बार पूछ रहा ये सवाल
26/11 मुंबई हमले का प्रमुख आरोपी तहव्वुर राणा भारत में प्रत्यर्पित होने के बाद से फांसी की सजा को लेकर चिंतित है। एनआईए की हिरासत में उससे पूछताछ चल रही है, और वह बार-बार भारतीय कानून और न्यायिक प्रक्रिया के बारे में सवाल पूछ रहा है। सूत्रों के अनुसार, राणा को अजमल कसाब की तरह फांसी की सजा का डर सता रहा है, जिसे 2012 में फांसी दी गई थी। वह एनआईए अधिकारियों से लगातार पूछ रहा है कि उसके खिलाफ कौन-सी धाराएं लगी हैं और कानूनी प्रक्रिया क्या होगी।
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26/11 मुंबई हमले का प्रमुख आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाया गया है और दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उसे 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेजा है। उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120B (आपराधिक साजिश), 121 (देश के खिलाफ युद्ध), 302 (हत्या), और यूएपीए के तहत आतंकवाद से जुड़े गंभीर आरोप हैं, जिनमें फांसी की सजा का प्रावधान है। एनआईए उससे मुंबई हमले की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा और आईएसआई के कनेक्शन के बारे में जानकारी निकालने की कोशिश कर रही है।
भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत फांसी की सजा को बाहर नहीं रखा गया है, यानी राणा को मृत्युदंड मिलना संभव है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि प्रत्यर्पण नियमों के तहत उसे काउंसलर एक्सेस और उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा, जिससे सजा में समय लग सकता है। वहीं पीड़ित परिवार ने तहव्वुर राणा को फांसी देने की मांग की है।







