आतंकी तहव्वुर राणा एनआईए की पूछताछ में नहीं कर रहा सहयोग, जानिए क्या है उसपर आरोप
आतंकी तहव्वुर राणा से पहले दिन की पूछताछ में एनआईए ने करीब तीन घंटे सवाल-जवाब किए। इस दौरान राणा ने ज्यादातर सवालों के जवाब में “पता नहीं” या “याद नहीं” कहा और ठोस जानकारी नहीं दी। वह बार-बार बीमारी का बहाना बनाकर पूछताछ से बचने की कोशिश करता रहा। एनआईए ने उसके परिवार, दोस्तों और संपर्कों के बारे में जानकारी मांगी, लेकिन वह टालमटोल करता रहा।
तहव्वुर हुसैन राणा पर 26/11 मुंबई आतंकी हमले (2008) में प्रमुख भूमिका निभाने का आरोप है। राणा पर लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ मिलकर मुंबई हमले की साजिश रचने का आरोप है। उसने अपने बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली को हमले की योजना बनाने में मदद की।
राणा ने मुंबई में ताज होटल, ओबेरॉय होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस जैसी जगहों की रेकी की और हमले के लिए महत्वपूर्ण जानकारी लश्कर-ए-तैयबा को दी। उसने नवंबर 2008 में मुंबई का दौरा कर लॉजिस्टिक्स की समीक्षा की थी। राणा ने अपनी शिकागो-स्थित इमिग्रेशन फर्म “फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज” का दुरुपयोग कर हेडली को फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराए, जिनका उपयोग मुंबई में रेकी के लिए किया गया।
आतंकी तहव्वुर राणा पर लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी को सामग्री और संसाधन उपलब्ध कराने का आरोप है। इसके साथ ही राणा को डेनमार्क के अखबार जाइलैंड्स-पोस्टेन पर हमले की साजिश रचने का भी दोषी ठहराया गया, जिसके लिए उसे अमेरिका में 14 साल की सजा मिली थी।
भारत में राणा पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120B (आपराधिक साजिश), 302 (हत्या), 468 (जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेज) और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) की धाराओं 16, 18, 20 के तहत मुकदमा चल रहा है। गौरतलब है कि राणा को अप्रैल 2025 में अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया, और वह वर्तमान में NIA की हिरासत में है, जहां उससे पूछताछ जारी है।