ईरान-इजराइल युद्ध: डोनाल्ड ट्रंप ने की सीजफायर की घोषणा, 24 घंटे में रुक जाएगी 12 दिन की जंग
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ऐलान किया कि ईरान और इजराइल के बीच 12 दिन से चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए पूर्ण और अंतिम सीजफायर पर सहमति बन गई है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर पोस्ट कर कहा कि यह युद्धविराम मंगलवार आधी रात से शुरू होगा और अगले 24 घंटे में युद्ध पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!ट्रंप ने लिखा, “ईरान और इजराइल के बीच पूर्ण युद्धविराम पर सहमति बन गई है। सीजफायर के पहले चरण में ईरान हमले बंद करेगा, जिसके 12 घंटे बाद इजराइल भी हमले रोक देगा। 24 घंटे बाद इस 12-दिवसीय युद्ध को औपचारिक रूप से समाप्त माना जाएगा।” उन्होंने दोनों देशों की “सहनशक्ति, साहस और बुद्धिमत्ता” की सराहना की और कहा कि यह युद्ध मध्य पूर्व को तबाह कर सकता था, लेकिन अब शांति की उम्मीद जगी है।
कैसे शुरू हुआ था युद्ध?
13 जून 2025 को इजराइल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर कोडनेम ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ के तहत हमले शुरू किए थे। इजराइल का दावा था कि यह हमले ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के लिए जरूरी थे। जवाब में ईरान ने तेल अवीव, हाइफा और अन्य इजराइली शहरों पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिससे दोनों देशों में भारी तबाही हुई।
युद्ध के दौरान अमेरिका ने भी ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान स्थित तीन परमाणु ठिकानों पर हमले किए, जिससे तनाव और बढ़ गया था। ईरान ने कतर में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर 14 मिसाइलें दागकर जवाब दिया, हालांकि इससे अमेरिका को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
ट्रंप की भूमिका
ट्रंप ने युद्ध की शुरुआत से ही कूटनीतिक हस्तक्षेप की कोशिश की थी। उन्होंने ईरान को 60 दिन का समय दिया था कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत के लिए तैयार हो, लेकिन ईरान ने इसे ठुकरा दिया। इसके बावजूद, ट्रंप ने दावा किया कि उनकी दबाव की रणनीति और कूटनीति ने दोनों देशों को सीजफायर के लिए राजी किया।
सीजफायर के ऐलान के बाद कतर ने अपना एयरस्पेस फिर से खोल दिया है, जो क्षेत्रीय स्थिरता की ओर एक सकारात्मक कदम है। हालांकि, इजराइल और ईरान की ओर से अभी इस घोषणा पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह युद्धविराम मध्य पूर्व में लंबे समय तक शांति की गारंटी नहीं दे सकता, क्योंकि दोनों देशों के बीच गहरी दुश्मनी बरकरार है।







