जमशेदपुर: सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों पर दुष्कर्म के आरोप, सिख समाज में आक्रोश
जमशेदपुर: सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों पर दुष्कर्म के आरोप, सिख समाज में आक्रोश
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!जमशेदपुर : झारखंड के जमशेदपुर में सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (CGPC) के प्रधान भगवान सिंह और महासचिव गुरुचरण सिंह बिल्ला पर दुष्कर्म के गंभीर आरोप लगने से सिख समाज में तीव्र आक्रोश देखा जा रहा है। मंगलवार को सिख समुदाय के सैकड़ों लोग, विशेषकर महिलाएं, उपायुक्त (DC) कार्यालय पहुंचे और धरना-प्रदर्शन कर इन आरोपों को साजिश करार दिया। प्रदर्शनकारियों ने निष्पक्ष जांच की मांग की और “भगवान सिंह निर्दोष हैं” के नारे लगाए।
मामला क्या है?
सिख समाज के अनुसार, एक महिला ने CGPC के प्रधान भगवान सिंह और महासचिव गुरुचरण सिंह बिल्ला के खिलाफ न्यायालय में यौन शोषण का मामला दर्ज कराया है। समाज का दावा है कि ये आरोप पूरी तरह से आधारहीन और सुनियोजित साजिश का हिस्सा हैं, जिसका मकसद इन दोनों पदाधिकारियों को बदनाम करना है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने पहले भी इन नेताओं को गलत कार्यों में शामिल करने की कोशिश की, और असफल होने पर यह झूठा मामला दर्ज कराया गया।

सिख समाज का प्रदर्शन और ज्ञापन
मंगलवार को डीसी कार्यालय के बाहर सिख समुदाय ने एकजुटता दिखाते हुए धरना दिया। प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने भगवान सिंह और गुरुचरण सिंह के समर्थन में नारे लगाए और आरोपों को सिरे से खारिज किया। इसके बाद, सिख समाज के प्रतिनिधियों ने उपायुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें शामिल थीं:
– मामले की त्वरित और निष्पक्ष जांच।
– साजिश में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई।
– सिख समाज के नेताओं की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिशों का खुलासा।

प्रशासन का रुख
प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है। हालांकि, पुलिस सूत्रों के अनुसार, न्यायालय में दर्ज शिकायत की प्रति और संबंधित तथ्यों की जांच शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया है कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी होगी।
सिख समाज की एकजुटता
सिख समुदाय ने इस मामले में अपने नेताओं के प्रति पूर्ण समर्थन जताया है। प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट किया कि वे तब तक चुप नहीं बैठेंगे, जब तक सच्चाई सामने नहीं आ जाती। समाज के वरिष्ठ सदस्यों ने आरोप लगाया कि यह साजिश न केवल CGPC के नेताओं को बदनाम करने की है, बल्कि सिख समुदाय की एकता को कमजोर करने की भी कोशिश है।

गौरतलब है की अब मामले की जांच के परिणामों का इंतजार है। सिख समाज ने प्रशासन से तेजी से कार्रवाई की मांग की है, ताकि सच सामने आए और दोषियों को सजा मिले। इस बीच, यह मामला जमशेदपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है, और स्थानीय लोग जांच के नतीजों पर नजर बनाए हुए हैं।





