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हेमंत राज में आदिवासी दलित सुरक्षित नही : बाबूलाल मरांडी*

बाबुलाल मरांडी ने की मांग

उन्होंने कहा कि राँची से सटे रातू थानांतर्गत तिलता मौजा में स्थानीय ग्रामीण वर्षों से पूजा करते आ रहे हैं। उक्त जमीन पर निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद विगत 30 सितंबर को 50-60 हथियारबंद लोग जमीन पर कार्य करा रहे थे। स्थानीय ग्रामीणों के विरोध पर बिचौलियों ने एक आदिवासी विधवा सुको उराँव पर गाड़ी चढ़ा दी। दोनों ओर से हुई झड़प में एक बिचौलिए की मौत हो गई।

परिवार को ढांढस बंधाया
मरांडी ने कहा कि आज सुको ज़िन्दगी और मौत से जूझ रही है, न कोई सरकारी मदद मिली न कोई चिकित्सा सहायता, उल्टे पुलिस 3 ग्रामीणों को पकड़कर ले गई।

कहा कि अब क्या अपनी परंपरा और जमीन बचाने के लिए आवाज़ उठाने वाले आदिवासियों को भी न्याय नहीं मिलेगा?

उन्होंने कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिये। साथ ही ऐसे जमीन दलालों को चिह्नित कर जेल भेजा जाए, सुको उराँव के बेहतर चिकित्सा की व्यवस्था हो और अकर्मण्य ग्रामीण एसपी को तत्काल निलंबित किया जाए।
कहा कि सरकार त्वरित कार्रवाई नही करती है तो पार्टी न्याय दिलाने केलिये आन्दोलनं करेगी।
प्रियंका वाड्रा और आम महिला में अंतर

मरांडी के साथ प्रवक्ता सरोज सिंह, सुरेश साहू,बल्कु उरांव, इंद्रजीत यादव, जितेंद्र वर्मा आदि उपस्थित थे।

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