20241208 123131

बांग्लादेश के वकील के मामले में इंटरनेशनल बार एशोसिएशन हस्तक्षेप करे : सुधीर श्रीवास्तव

 

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

बंगला देश में वकील पर हमला शर्मनाक है।

बांग्लादेश में जिस प्रकार महंत चिन्मय कृष्ण दास के वकील रमन रॉय के घर में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ किया और अधिवक्ता को मारपीट का घायल कर दिया इस मामले में झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सुधीर श्रीवास्तव ने इंटरनेशनल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अल्मुडेना अर्पोन को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने के लिए आग्रह किया है।

सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि जिस प्रकार बांग्लादेश में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई है वहां इंटरनेशनल बार एशोसिएशन को वहां के वकीलों को संरक्षण देना चाहिए ,इसके अलावा बार काउंसिल आफ इंडिया को भी इस मामले में हस्तक्षेप कर वकील के मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाना चाहिए। बांग्लादेश हमारा पड़ोसी देश है और पड़ोसी देश में किसी भी मुवक्किल का पक्ष रखने के लिए वकील पर हमला किया जाता है तो यह न सिर्फ एक विशेष स्थान जहां पर घटना घटी है वहां का मामला हो जाता है बल्कि यह पूरे देश का भी मामला बनता है इसके अलावा जिस देश में सरकार नाम की चीज नहीं है और वहां अराजकता की स्थिति बनी हुई है वहां पर इंटरनेशनल बार एसोसिएशन को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए और मामले में हस्तक्षेप कर तुरंत घटना स्थल का दौरा करना चाहिए।
सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि जहां पर बांग्लादेश के महंत चिन्मय कृष्ण दास के तरफ से पक्ष रखने के लिए वकील रमन राय कोर्ट में खड़ा होते हैं तो रमन राय को बुरी तरह का से मारपीट करके घायल कर दिया जाता है और उनके स्थिति नाजुक बताई जा रही है , क्या हम सब सिर्फ इस कारण मूक दर्शक बने रहेंगे कि हमारे देश का मामला नहीं है ,हमारे जिला का मामला नहीं है ,हमारे सिविल कोर्ट का मामला नहीं है ।हमारे देश में जब भी किसी जिले में किसी वकील के साथ कोई घटना घटती है तो पूरे देश के वकील एक हो जाते हैं इसी तरह पूरे विश्व में अगर कोई वकील के साथ घटना घटती है तो पूरे विश्व के वकीलों को एक होकर इसका विरोध करना चाहिए और दोषी को सजा दिलाने में भूमिका अदा करना चाहिए एवं वकीलों पर जो हमला करें उसका पूरे विश्व में कोई वकील वकालत ना करें ऐसी व्यवस्था खड़ी करनी चाहिए।
विदेशों में हो रहे हमले ,अपराधों,नीतियों के पक्ष एवं विपक्ष में भारत में प्रदर्शन होता आया है तो वकीलों पर हो रहे हमले के मामले में भी पूरे विश्व में इसके खिलाफ प्रदर्शन होने चाहिए।
मुवक्किल किसी भी जात,धर्म का हो सकता है और वकील कभी जात,धर्म देखकर उसका वकालत नहीं करता तो फिर वकील पर हमले क्यों हो रहे हैं।
पत्र की प्रति भारत सरकार के विदेश मंत्रालय एवं बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष को भी दी गई है।

Share via
Send this to a friend