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बक्सर: हलवाई के खाते में एक झटके में आ गए 600 करोड़ रुपये, हो गया मालामाल , फिर जो हुआ वो हैरान करने वाला है

बक्सर: हलवाई के खाते में एक झटके में आ गए 600 करोड़ रुपये, हो गया मालामाल , फिर जो हुआ वो हैरान करने वाला है

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बक्सर (बिहार) | बिहार के बक्सर जिले में शनिवार को उस समय पूरे इलाके में हड़कंप मच गया जब एक साधारण हलवाई और दिहाड़ी मजदूर जितेंद्र साह के फिनो पेमेंट्स बैंक खाते में अचानक 600 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि दिखाई देने लगी।

घटना कैसे हुई?

तिलक राय के हाता थाना क्षेत्र के बड़का राजपुर गांव निवासी 36 वर्षीय जितेंद्र साह शनिवार सुबह अपने गांव के ही ग्राहक सेवा केंद्र (CSP) पर महज 100-200 रुपये निकालने पहुंचे थे। उनके खाते में उस समय सिर्फ 478.20 रुपये ही थे।CSP ऑपरेटर ने जब पासबुक अपडेट की तो स्क्रीन पर बैलेंस दिखा:₹6,00,00,00,478.20 (छह सौ करोड़, सात सौ अस्सी रुपये और 20 पैसे)जितेंद्र और ऑपरेटर दोनों के होश उड़ गए। जितेंद्र ने तुरंत स्क्रीनशॉट लिया और घर वालों को दिखाया। देखते-देखते पूरी गांव में खबर फैल गई। लोग उनके कच्चे मकान पर उमड़ पड़े, मानो रातोंरात कोई अरबपति बन गया हो।

हकीकत क्या थी?

लेकिन खुशी कुछ पल की ही थी। करीब 15-20 मिनट बाद ही बैंक ने खाता फ्रीज कर दिया। जितेंद्र एक पैसा भी नहीं निकाल पाए। घर में एक हफ्ते से अनाज खत्म था, बच्चे भूखे थे। जितेंद्र ने मीडिया से कहा,
“साहब, कम से कम 200 रुपये तो दे दो, घर में चूल्हा कैसे जलाऊं?”

पुलिस और बैंक की कार्रवाई

जितेंद्र ने तुरंत हाता थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई।
मामला साइबर सेल को ट्रांसफर कर दिया गया।
फिनो पेमेंट्स बैंक के अधिकारी मौके पर पहुंचे और खाता ब्लॉक कर दिया।
जितेंद्र से सभी दस्तावेज जमा कराए गए।

पुलिस का मानना है कि यह किसी बड़े मनी लॉन्ड्रिंग या साइबर फ्रॉड का हिस्सा हो सकता है या फिर बैंकिंग सॉफ्टवेयर में भयानक तकनीकी गड़बड़ी हुई हो। अभी जांच जारी है।

600 करोड़ कैसे आ सकते थे?

फिनो पेमेंट्स बैंक एक पेमेंट्स बैंक है, जिसमें एक खाते में अधिकतम 2 लाख रुपये तक ही जमा किए जा सकते हैं। 600 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन तकनीकी रूप से नामुमकिन है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह डेटा मर्जिंग एरर या सिस्टम ग्लिच का मामला हो सकता है।

परिवार की स्थिति

जितेंद्र का मकान कच्चा है। पत्नी गांव में छोटी-मोटी दुकान चलाती हैं। दिन की कमाई 300-500 रुपये। घटना के बाद परिवार मानसिक तनाव में है। जितेंद्र ने कहा,
“हमने तो कभी 50 हजार रुपये भी एक साथ नहीं देखे, 600 करोड़ का सपना देखकर अब डर लग रहा है।”

अभी तक की स्थिति

(9 दिसंबर 2025 तक)खाता अभी भी फ्रीज है।
साइबर पुलिस और बैंक की टीम जांच में जुटी है।
कोई गिरफ्तारी या बड़ा खुलासा नहीं हुआ।
जितेंद्र सामान्य जीवन में लौटने की राह देख रहे हैं।

यह घटना एक बार फिर डिजिटल बैंकिंग की कमजोरियों और ग्रामीण भारत की विडंबना को सामने ला रही है — जहां एक तरफ खाते में 600 करोड़ दिख रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ परिवार को दो वक्त की रोटी के लिए तरसना पड़ रहा है ।

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