CNT एक्ट के धारा 49 A का उलंघन, रांची प्रकाशन पर भूमि वापसी का केस ।

CNT एक्ट के धारा 49 A का उलंघन, रांची प्रकाशन पर भूमि वापसी का केस ।

अनुशील ओझा
झारखण्ड में बीजेपी के कदावर नेता अजय मारु बिवादो में फसते हुए नज़र आ रहे है, नया मामला CNT एक्ट के धारा 49 A के उलंघन का है यह मामला आदिवासियों की जमीन वापसी के लिए बनी पीठासीन पदाधिकारी के तौर पर मंत्री चंपई सोरेन के कोर्ट में है आरोप है की अजय मारु ने जमीन 49 A के तहत जिस मकसद से लिया उस मकसद को छोड़ जमीन पर मॉल बना दिया जानकरी के मुताबिक अजय मारु ने अपनी कंपनी रांची प्रकाशन के नाम पर उद्योग लगाने के लिए महादेव कच्छप की जमीन को 49 A के तहत DC से परमिशन लेने के बाद कंपनी रांची प्रकाशन के नाम पर जमाबंदी कराइ थी लेकिन उस जमीन पर उद्योग बनाने के बजाए मॉल बना दिया गया अब उस जमीन जो की मौजा-राँची,खाता-147,प्लॉट नो-580,रकबा-20 डिसमिल एवं प्लॉट -586, रकबा-21 डिसमिल कुल रकबा-41 डिसमिल भूमि है उस पर C N T एक्ट 1908 की धारा 49(5) के अन्तर्गत भूमि वापसी का केस महादेव कच्छप ने राँची प्रकासन पर किया है गौतलब है की रांची प्रकाशन के मालिक अजय मारु है अब इस जमीन के वापसी के लिए जमीन मालिक महादेव कच्छप बनाम राँची प्रकासन के बिच माननीय चम्पई सोरेन के कोर्ट मे चल रहा है। जिसकी चम्पई सोरेन के कोर्ट मे 8 से 9 बार सुनवाई हो चुकी है फिलहाल अभी तक कोई फैसला नहीं आया है।

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वही दूसरी ओर मीडिया के खबरों के मुताबिक हरमू रोड के ही 81 डिसमिल भूमि पर आज भी 4 लोगो के नाम से मोटेशन है . राज्य सरकार ने .हरमू सड़क चौड़ीकरण के लिए 1966-67 जमीन का दखल किया था . इसका दस्तावेज आज भी उपलबध है . दस्तावेज के अनुसार थाना नंबर 205, खाता नंबर 33, प्लॉट नंबर 591, जिसका कुल रकबा 1.15 एकड़ है. राज्य सरकार ने 1966-67 हरमू रोड के चौड़ीकरण के लिए जमीन में से 65.5 डिसमिल भूमि का अधिग्रहण किया था. लेकिन वर्तमान में उस भूमि में से 81 डिसमिल भूमि पर अजय मारू, एनामुल हक, प्रिंस आजमानी और एक्सप्रेस रीजेंसी लिमिटेड के नाम मोटेशन है.राज्य सरकार ने 1966-67 में हरमू सड़क चौड़ीकरण के लिए जिस कहते की जमीन का दखल किया था. उस जमीन में से 31 डिसमिल जमीन कैसे गायब हो गयी. प्रश्न यह उठता है कि खाते में कुल 115 डिसमिल भूमि रहने पर 65.5 dismil भूमि का दखल किया गया. इसका राज्य सरकार ने मुआवजा का भी भुगतान किया तो आखिर यह जमीन 81 डिसमिल कैसे हो गयी, क्योंकि मोटेशन पर 81 डिसमिल भूमि अंकित है. आखिर कैसे सफेदपोश बड़े लोगों ने जमीन की हेराफेरी कर ऊँची बिल्डिंग का निर्माण कर लिया गया, यह अपने आप में जांच का विषय है.

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आरोप दो तरफ से फंस रहे है बीजेपी नेता अजय मारु

ऐसे में अजय मारु दोनों तरफ से फास्ट हुए दिखाई दे रहे है। पहला 49A के उलंघन पर C N T एक्ट 1908 की धारा 49(5) के अन्तर्गत भूमि वापसी का केस महादेव कच्छप ने राँची प्रकासन पर किया है गौतलब है की रांची प्रकाशन के मालिक अजय मारु है अब इस जमीन के वापसी के लिए जमीन मालिक महादेव कच्छप बनाम राँची प्रकासन के बिच माननीय चम्पई सोरेन के कोर्ट मे चल रहा है। दूसरी ओर राज्य सरकार की 65 डिसमिल जमीन जो की सरकार ने रोड के चौड़ीकरण के लिए अधिकरण की थी वो अजय मारु समेत दो और लोगो के नाम पर आज भी जमाबंदी दिखाइए दे रही है आरोप है उस जमीन पर सिटी मॉल बना दी गई है।
नक्सली के सरेंडर करने की खबर।

पीठासीन पदाधिकारी के तौर पर है मंत्री चंपई सोरेन

गौरतलब है की हेमंत सरकार ने 7 दिसंबर को गजट प्रकाशित कर पीठासीन पदाधिकारी के तौर पर मंत्री चंपई सोरेन को अधिकृत कर दिया है.सीएनटी एक्ट धारा 49 (5) के तहत आदिवासी भूमि की वापसी का मामला कई वर्षों से अधर में लटका हुआ था जिसके बाद चम्पई सोरेन के कोर्ट ने कई बड़े फैसले लेते हुए आदिवासियों की ज़मीन कंपनी से आदिवासियों को वापस दिलाई है

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