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भूगर्भीय अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों को जल्द खाली करने का निर्देश,आंदोलन की हुई सुगबुगाहट DHANBAD : Instructions for the early evacuation of the people of the geological fire affected area

DHANBAD : Instructions for the early evacuation of the people of the geological fire affected area

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धनबाद के झरिया भूगर्भीय अग्नि प्रभावित क्षेत्र में वर्षों से रह रहे लोगो को जेआरडीए और बीसीसीएल ने नोटिस देकर जल्द जगह को खाली करने का निर्देश दिया है।कहा गया है कि अगर आवंटित जगह पर पुनर्वासित नही होते हैं तो उनके घरों पर बुलडोजर चला कर हटवाया जाएगा ।बहरहाल JRDA और बीसीसीएल के आदेश के बाद स्थानीय लोगों में आंदोलन की सुगबुगाहट होने लगी है।

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ये तस्वीरें झरिया बीसीसीएल एरिया नंबर 10 लोदना की है।यहां की धरती पिछले कई दशकों से भूगर्भीय आग के चपेट में है ,दर्जनों परिवार जमींदोज हो चुके हैं।प्रतिदिन रात में लोग यह सोच कर सोते हैं कि पता नही अगली सुबह देख पाएंगे अथवा नही। यहां के डिपूधोड़ा,कुजामा, मोहरीबांध क्षेत्र में सैकड़ों परिवारों को घर खाली कर सुरक्षित स्थान चले जाने का निर्देश दिया गया है।इसके लिए इन्हें बेलगाडिया टाउन शिप में मकान भी आवंटित किया गया है,लेकिन उक्त स्थान पर रोजगार की सुविधा एवं नागरिक सुविधाओं के अभाव का रोना रो लोग जाना नही चाहतें।बीसीसीएल और जेरेडा कि नोटिस केबाद से क्षेत्र के लोगों को अब यह चिंता सताने लगी है कि कहां जाएं और क्या रोजगार कर अपने परिवार का भरण पोषण करें ।

जिस तरह से बीसीसीएल ने ततपरता दिखाते हुए डिपूधोड़ा क्षेत्र के 40 परिवार को जल्द जगह घर को खाली करने का नोटिस थमाया है वहां रह रहे लोगों का कहना है कि प्रबंधन जहां लोगो को भेजना चाहती है वहां पर ना रोजगार का साधन है ना कुछ कर सकते हैं।

वही धनबाद जेआरडीए के अध्यक्ष धनबाद उपायुक्त संदीप सिंह ने कहा की सभी एरिया जीएम के साथ एक बैठक कर झरिया मास्टर प्लान के तहत जिन लोगों को घर अलाउड हुआ है उसे जल्द घर को खाली कर भेजने को कहा गया है अगर शिफ्ट करने में कोई दिक्कत आ रही है तो अंचलाधिकारी और प्रशासन की मदद ले सकते हैं वही उपायुक्त ने कहा कि जो लोग जाना नहीं चाहते हैं उन लोगों से बात कर पीपीपी मोड के तहत बीसीसीएल उन लोगों को सुरक्षित जगह दे ताकि उन लोगों को शिफ्ट किया जा सकते।

बता दे की बीसीसीएल उस क्षेत्र में मेगा प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है जिसके चलते सैकड़ों लोगों को हटाने की बात कही जा रही है. झरिया मास्टर प्लान के तहत मिलने वाले घर की गुणवत्ता और सुविधा नहीं होने के कारण लोग वहां जाना नहीं चाहते हैं. जिस वजह से झरिया मास्टर प्लान पुर्नवास मैं देरी हो रही है वहीं बेरमो विधायक और इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप सिंह का कहना है कि अग्निप्रभावित क्षेत्र के लोगों के पुनर्वास के लिए प्रबंधन, जेरेडा के साथ जनप्रतिनिधियों को सामंजस्य बना कर सामूहिक प्रयास करना होगा।

एक ओर दहकती भूगर्भीय आग,भु धंसान और जानलेवा गैस की त्रासदी है तो दूसरी ओर रोजी रोटी की चिंता । ऊपर से बीसीसीएल प्रबंधन और जेरेडा का फरमान बेघर करने वाला जैसा है। ऐसे में आंदोलन की सुगबुगाहट हो चुकी है लोगों का सड़क पर उतरना बाकी है ।देखना है इस मामले में बड़ा आंदोलन देखने को मिलता है या शांतिपूर्ण तरीके से लोगों को पुनर्वासित किया जाता है।

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