हजारीबाग हिंसा : माहौल शांतिपूर्ण लेकिन राजनीतिक गर्म पूरा विश्लेषण
हजारीबाग के बरकट्ठा में कल रात हुई सांप्रदायिक हिंसा, पथराव और आगजनी की घटना के बाद
माहौल गरमाया हुआ है।
गौरतलब है की हजारीबाग जिले के बरकट्ठा प्रखंड के झुरझुरी इलाके में 13 अप्रैल को एक धार्मिक जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प की घटना सामने आई। इस घटना में पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ की वारदातें हुईं, जिससे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया, और अब शांति स्थापित करने की कोशिशें जारी हैं।
घटना का विवरण
झुरझुरी पंचायत में 7 अप्रैल से एक यज्ञ का आयोजन चल रहा था। पहले चरण में कलश यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से निकली थी, जिसमें मस्जिद के रास्ते से गुजरने के बावजूद कोई विवाद नहीं हुआ। हालांकि, 13 अप्रैल को यज्ञ के सातवें दिन रथ यात्रा जुलूस के दौरान स्थिति बिगड़ गई। यह जुलूस दिल्ली-कोलकाता जीटी रोड पर स्थित मस्जिद के पास से गुजर रहा था, जो सिक्स-लेन सड़क के एक ओर स्थित है। मस्जिद और जुलूस के रास्ते के बीच लगभग 200 फीट की दूरी होने के बावजूद, जुलूस के मस्जिद क्रॉस करने के दौरान एक पक्ष ने पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच पथराव की घटना हुई।
पथराव के दौरान उपद्रवियों ने घरों के बाहर रखे पुआल में आग लगा दी। एक दिव्यांग व्यक्ति की गुमटी, जहाँ वह पलंग बनाने का काम करता था, को भी जला दिया गया। इसके अलावा, एक मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया गया। इस हिंसा में बरकट्ठा थाना प्रभारी के हाथ में फ्रैक्चर होने की खबर है, जो घटनास्थल पर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे थे।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही हजारीबाग पुलिस मुख्यालय सक्रिय हो गया। अतिरिक्त पुलिस बल को तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया। हजारीबाग की पुलिस अधीक्षक (एसपी) अरविंद कुमार सिंह और उपायुक्त (डीसी) नैन्सी सहाय ने स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों की मध्यस्थता और पुलिस की मौजूदगी से दोनों पक्षों को शांत करने की कोशिश की गई। गुस्साए लोगों ने दिल्ली-कोलकाता जीटी रोड को जाम कर दिया था, जिसे समझा-बुझाकर हटवाया गया। सुबह तक स्थिति सामान्य हो गई, और पुलिस बल की तैनाती को कम कर दिया गया।
नुकसान और आरोप
हिंसा के बाद एक समुदाय की महिला, खातून, ने दावा किया कि उनके 5 लाख रुपये का नुकसान हुआ, जिसमें 1 लाख रुपये का पुआल जल गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दूसरे समुदाय के लोगों ने उन्हें धमकी दी, जिससे उनका समुदाय दहशत में है।
वहीं, यज्ञ आयोजन समिति और स्थानीय हिंदू समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि जुलूस शांतिपूर्ण था, और मस्जिद के पास अचानक पथराव शुरू हो गया। आयोजकों ने सवाल उठाया कि अगर हिंदुस्तान में धार्मिक आयोजनों और जुलूसों पर इस तरह की घटनाएँ होंगी, तो यह कितना जायज है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
हजारीबाग के सांसद मनीष जायसवाल ने इस घटना को प्रशासनिक लापरवाही करार दिया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने कश्मीर का उदाहरण देते हुए कहा कि वहाँ सख्ती से पथराव की घटनाएँ रुकी हैं, तो हजारीबाग में ऐसा क्यों नहीं हो सकता। उन्होंने प्रशासन से लोगों में कानून का खौफ पैदा करने की माँग की।
वर्तमान स्थिति
14 अप्रैल 2025 को यज्ञ स्थल पर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम चल रहा है, और 15 अप्रैल को हवन के साथ इसका समापन होगा। पुलिस ने इलाके में शांति बनाए रखने के लिए सतर्कता बढ़ा दी है। दोनों समुदायों के बीच समझौता और संवाद की प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश की जा रही है।
जाहिर है की हजारीबाग और आसपास के इलाकों में हाल के महीनों में सांप्रदायिक तनाव की घटनाएँ बढ़ी हैं, जिनमें बड़कागाँव और हजारीबाग शहर की घटनाएँ शामिल हैं। बरकट्ठा की यह ताजा घटना सामाजिक सौहार्द के लिए चुनौती है। ऐसी घटनाओं के बाद का माहौल तनावपूर्ण होता है, और इसका असर सामुदायिक रिश्तों पर पड़ता है।