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झारखंड के मंत्री का संवेदनशील मुद्दे पर गैर-जिम्मेदाराना बयान, कहा हिमाचल के मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए फिर लिया यू टर्न, सोशल मीडिया में हो रही किरकिरी

झारखंड के मंत्री का संवेदनशील मुद्दे पर गैर-जिम्मेदाराना बयान, कहा हिमाचल के मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए फिर लिया यू टर्न, सोशल मीडिया में हो रही किरकिरी

झारखंड सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू का पहलगाम आतंकी हमले पर दिया गया बयान सुर्खियों में है । मीडिया को दिए इस बयान में उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले पर अजीब से  जवाब देते हुए कहा की  हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को इस्तीफा दे देना चाहिए। ऐसा लगा मानो मंत्री जी को  भौगोलिक अज्ञानता है। पहलगाम जम्मू-कश्मीर में है, ना की हिमाचल में नहीं ।  एक संवेदनशील मुद्दे पर गैर-जिम्मेदाराना रवैये  वाला बयान जब सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो मंत्री जी ने यू -टर्न लेते हुए कहा की उनसे पहलगाम नही बल्कि रिपोर्टर ने पुलवामा को लेकर सवाल पूछा था और उन्होंने व्यंग किया था।
बयान और विवाद:
सुदिव्य कुमार सोनू ने लोहरदगा में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पहलगाम आतंकी हमले के लिए हिमाचल के मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए इस्तीफे की मांग की।
बाद में उन्होंने सफाई दी कि यह बयान “जानबूझकर” दिया गया था,
यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और लोग उनके भूगोल ज्ञान पर सवाल उठाने के साथ-साथ मजे भी ले रहे हैं।
विपक्ष की प्रतिक्रिया:
झारखंड बीजेपी के नेता बाबूलाल मरांडी ने सुदिव्य के बयान को “फूहड़पन” और “शर्मनाक” करार देते हुए उनकी आलोचना की। उन्होंने इसे मंत्री के अहंकार और पागलपन का प्रतीक बताया।
बीजेपी प्रवक्ताओं ने सुदिव्य को भूगोल और इतिहास पढ़ने की सलाह दी, यह कहते हुए कि एक पर्यटन मंत्री को कम से कम यह तो पता होना चाहिए कि पहलगाम कहां है।
जनता और सोशल मीडिया का उबाल:
सोशल मीडिया पर #shameonsudivya ट्रेंड कर रहा है, जो जनता के गुस्से और निराशा को दर्शाता है।
लोग मंत्री के इस बयान को गैर-जिम्मेदाराना और शर्मनाक मान रहे हैं, खासकर जब पूरा देश पहलगाम हमले से दुखी है। कुछ ने उनके बयान को झारखंड की छवि को धूमिल करने वाला बताया।
मंत्री की सफाई:
सुदिव्य ने प्रेस वार्ता में दावा किया कि उनका बयान “दूसरे संदर्भ” में था। उन्होंने यह भी कहा कि जब पत्रकार “नेता का काम” करने लगते हैं, तो नेताओं को भी “पत्रकार का काम” करना पड़ता है।
हालांकि, उनकी सफाई ने विवाद को शांत करने के बजाय और सवाल खड़े किए, क्योंकि उन्होंने स्पष्ट कारण नहीं बताया।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव:
यह बयान इसलिए भी विवादास्पद है क्योंकि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, और सुदिव्य की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। सहयोगी दल के मुख्यमंत्री पर इस तरह का हमला गठबंधन की एकता पर सवाल उठाता है।
जनता और विपक्ष का मानना है कि इस तरह के बयान न केवल मंत्री की विश्वसनीयता को कम करते हैं, बल्कि पूरे राज्य की छवि को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

जाहिर है की सुदिव्य कुमार सोनू का यह बयान उनकी जानकारी की कमी और संवेदनशील मुद्दों पर लापरवाही को दर्शाता है। एक पर्यटन मंत्री के रूप में, उनसे अपेक्षा थी कि वह भौगोलिक तथ्यों और राष्ट्रीय संवेदनाओं के प्रति सजग रहें। उनकी सफाई, जिसमें उन्होंने बयान को “जानबूझकर” बताया, लेकिन स्पष्ट कारण नहीं दिया,
सुदिव्य कुमार सोनू का बयान एक गंभीर भूल है, जिसने न केवल उनकी, बल्कि झारखंड सरकार की छवि को भी नुकसान पहुंचाया है।

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