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लेफ्टिनेंट विनय नरवाल से जिन्दगी के सबसे सुनहरे पलो को छीन लिया आतंकियों ने , विनय हनीमून मनाने कश्मीर गए थे ,16 अप्रैल को शादी हुई थी

कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में मारे गए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की कहानी दिल दहला देने वाली है।  16 अप्रैल को मसूरी में उनकी हिमांशी के साथ डेस्टिनेशन वेडिंग हुई, और 19 अप्रैल को करनाल में रिसेप्शन का जश्न मना। शादी के बाद यूरोप में हनीमून का प्लान था, लेकिन वीजा न मिलने के कारण उन्होंने कश्मीर का रुख किया। 21 अप्रैल को वे पहलगाम पहुंचे, जहां 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में आतंकी हमले ने उनकी जिंदगी छीन ली।

हरियाणा के करनाल के भुसली गांव के रहने वाले 26 वर्षीय विनय, जिन्होंने तीन साल पहले भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट के रूप में अपनी जगह बनाई, अपनी जिंदगी के सबसे खूबसूरत पल जी रहे थे। 16 अप्रैल को गुरुग्राम की रहने वाली हिमांशी, जो एक रिसर्च स्कॉलर हैं और ऑनलाइन बच्चों को पढ़ाती हैं, के साथ उनका विवाह हुआ  और अभी वो हनीमून पीरियड में थे।

विनय के पिता राजेश नरवाल कस्टम विभाग में कार्यरत हैं, मां आशा नरवाल हैं, और बहन सृष्टि यूपीएससी की तैयारी कर रही है। विनय ने सेंट कबीर स्कूल से 12वीं की पढ़ाई पूरी की और सोनीपत से बीटेक किया। सीडीएस में चयन न होने के बाद उन्होंने एसएसबी की तैयारी की और 2022 में नौसेना में शामिल हुए। उनकी पोस्टिंग कोच्चि में थी, और 3 मई को वहां लौटने की योजना थी। 1 मई को उनका जन्मदिन था, जिसके लिए परिवार उत्साहित था। लेकिन अब उनके घर में मातम पसरा है।

पहलगाम की बैसरन घाटी में लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने इस भीषण हमले की जिम्मेदारी ली। आतंकियों ने, जो कथित तौर पर सेना की वर्दी में थे, नाम और धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया। विनय को उनकी पत्नी हिमांशी के सामने गोली मारी गई, जो उस समय भेलपुरी खा रहे थे। हिमांशी ने बताया कि एक आतंकी ने कहा, “ये मुस्लिम नहीं है,” और फिर गोली चला दी। हमले में कुल 26 लोग मारे गए, जिनमें दो विदेशी और दो स्थानीय शामिल थे। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है।
हिमांशी सुरक्षित हैं, लेकिन उनकी तस्वीर, जिसमें वे विनय के शव के पास बैठी हैं, सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पीएम नरेंद्र मोदी, और कई अन्य नेताओं ने इस हमले की निंदा की और आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया। सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
यह हमला न केवल विनय और हिमांशी की नई शुरुआत को छीन ले गया, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। विनय की कहानी एक जांबाज सैनिक, एक प्रेमी पति, और एक परिवार की उम्मीदों की त्रासद अंत की गवाही देती है।
हमले का विवरण
स्थान और समय: हमला मंगलवार दोपहर बैसरन घाटी में हुआ, जो पहलगाम शहर से करीब 6 किलोमीटर दूर है। यह क्षेत्र घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा है, जहां केवल पैदल या घोड़ों/खच्चरों से पहुंचा जा सकता है।
आतंकियों की रणनीति: आतंकी, जिनमें से कुछ पुलिस या सेना की वर्दी में थे, ने पर्यटकों से उनके नाम और धर्म पूछकर निशाना बनाया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकियों ने लोगों को ‘कलमा’ पढ़ने के लिए कहा और जो ऐसा नहीं कर सके, उन्हें गोली मार दी। एक महिला ने बताया कि उसके पति को भेलपुरी खाते समय गोली मारी गई, जब आतंकी ने कहा, “ये मुस्लिम नहीं है।”
जिम्मेदारी: लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली।
प्रमुख शिकार
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल: हरियाणा के करनाल के 26 वर्षीय नौसेना अधिकारी, जिनकी 16 अप्रैल, 2025 को हिमांशी के साथ शादी हुई थी। वे हनीमून के लिए 21 अप्रैल को श्रीनगर पहुंचे थे। हमले में विनय की पत्नी के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई। हिमांशी सुरक्षित हैं, लेकिन उनकी तस्वीर, जिसमें वे विनय के शव के पास रोती दिखीं, ने देश को भावुक कर दिया।
मनीष रंजन: हैदराबाद के इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के सेक्शन अधिकारी, जो अपनी पत्नी और बच्चों के साथ पहलगाम में थे। आतंकियों ने उनके परिवार के सामने उन्हें गोली मार दी।
अन्य पीड़ित: मृतकों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, और अन्य राज्यों के पर्यटक शामिल हैं। एक कश्मीरी स्थानीय भी मारा गया। सूत्रों के अनुसार, मरने वालों में ज्यादातर पुरुष थे।
पाकिस्तान का कथित हाथ: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूर्व डीजीपी शेष पॉल वैद और अन्य सूत्रों ने हमले के पीछे पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) कमांडो का हाथ होने का दावा किया। पाकिस्तानी सेना के चीफ आसिम मुनीर के हालिया भड़काऊ बयानों को हमले से जोड़ा जा रहा है, जिसमें उन्होंने कश्मीर में डेमोग्राफी बदलने के भारत के कथित प्रयासों का जिक्र किया था।
पुलवामा से तुलना: यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में सबसे घातक माना जा रहा है।

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