लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर अल्ताफ लल्ली मुठभेड़ में मारा गया।
जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में 25 अप्रैल को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का शीर्ष कमांडर अल्ताफ लल्ली मारा गया। यह मुठभेड़ 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू किए गए अभियान का हिस्सा थी, जिसमें 27 लोग, ज्यादातर पर्यटक, मारे गए थे। घटना के बाद हमले की जिम्मेदारी LeT के फ्रंट संगठन, द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी।
मुठभेड़ का विवरण:
सुरक्षाबलों को बांदीपोरा में आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी। इसके आधार पर भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया। शुक्रवार सुबह जब सुरक्षाबल इलाके की घेराबंदी कर रहे थे, छिपे हुए आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हुई। इस दौरान अल्ताफ लल्ली मारा गया। मुठभेड़ में एक वरिष्ठ अधिकारी की निजी सुरक्षा टीम के दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए, जिन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
अल्ताफ लल्ली की भूमिका:
अल्ताफ लल्ली को पहलगाम हमले में अहम भूमिका निभाने का संदेह था। वह लश्कर-ए-तैयबा का सक्रिय कमांडर था और कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में शामिल था। खुफिया सूत्रों के अनुसार, वह स्थानीय और विदेशी आतंकियों के बीच समन्वय स्थापित कर रहा था।
पहलगाम हमला
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इस हमले में 27 लोग मारे गए और 17 घायल हुए। हमले को पूर्व नियोजित बताया गया, जिसमें आतंकियों ने पाकिस्तानी हैंडलर्स के निर्देश पर काम किया। हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक कदम उठाए है