हेमन्त सोरेन (HEMANT SOREN)का जन-जन तक एक मुहिम चलाकर उन्हें कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने के आदेश को अधिकारी अमलीजामा पहना रहे हैं।
HEMANT SOREN
साहिल ने बीच मझधार से अपने गांव वालों की समस्या को समाधान के किनारे लाया
साहिल सोरेन की फरियाद के बाद उपायुक्त समेत प्रशासन पहुंचा गांव
मिला योजनाओं का लाभ, अब जल्द बनेगी सड़क
रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का जन-जन तक एक मुहिम चलाकर उन्हें कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने के आदेश को अधिकारी अमलीजामा पहना रहे हैं। ग्रामीण भी अपने हक-अधिकार के प्रति जागरूक हो रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण जमशेदपुर के मिर्जाडीह सेंट्रल टोला में देखने को मिला।पूर्वी सिंहभूम के बोडाम प्रखंड स्थित मिर्जाडीह सेंट्रल टोला के आदिवासी परिवार ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनकी समस्याओं का समाधान होगा। लेकिन 24 घंटे के अंदर उनकी समस्याओं के निराकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। और ऐसा हुआ गांव के ही 16 वर्षीय युवा साहिल सोरेन की पहल पर। अपने गांव वालों की समस्याओं को देखते हुए बड़ा होने वाले साहिल ने आखिरकार गांव वालों की समस्याओं को बीच मझधार से समाधान के किनारे तक पहुंचाया।
उपायुक्त ने दिखाई संवेदनशीलता, भौचक्का रह गए ग्रामीण
मिर्जाडीह गांव का साहिल अभी जीवन यापन के लिए जमशेदपुर में काम करता है। उसे इस बात की पीड़ा थी कि गांव वालों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला पाया है। फिर क्या था, साहिल ने उपायुक्त विजया जाधव को गांव की समस्या से अवगत कराया। उपायुक्त ने युवा साहिल की फरियाद को गंभीरता से लिया। फिर क्या था। उपायुक्त समेत प्रखंड के सभी कर्मी मिर्जाडीह पहुंच गए। एक-एक कर लोगों की समस्याएं सुनी गई और ऑन द स्पॉट कई समस्याओं का निवारण हुआ। उपायुक्त ने ग्रामीणों के साथ बैठ कर उनका हाल जाना एवं बच्चों के स्वास्थ्य जांच को लेकर गंभीरता दिखाई।
योजनाओं से हुए आच्छादित
सेंटर टोला मिर्जाडीह में सोरेन परिवार के कुल 20 से 25 लोग निवास करते हैं, जिसमें दो परिवार को आवास मिल चुका है। नरेगा जॉब कार्ड जिसका नहीं था, बना दिया गया। एसएचजी ग्रुप से सोरेन परिवार को जोड़ा गया। हेल्थ चेकअप का आयोजन कर स्वास्थ्य की जांच की गई। उपायुक्त को यहां पर सड़क को लेकर ग्रामीणों ने अवगत कराया।1.2 किलोमीटर रोड बनाने की आवश्यकता को देखते हुए निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई है। पीएचडी का जल मीनार खराब है, जिसे एक-दो दिनों के अंदर बना देने का भरोसा ग्रामीणों को मिला है। छूटे हुए जरूरतमंदों को फॉर्म भरा कर वहीं पर स्वीकृति का आदेश दे दिया गया।