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मुंबई में भूत भागने के नाम पर 32 वर्षीय महिला से तांत्रिक ने किया रेप , एक बार फिर अंधविश्वास का दुरुपयोग उजागर 

मुंबई में भूत भागने के नाम पर 32 वर्षीय महिला से तांत्रिक ने किया रेप , एक बार फिर अंधविश्वास का दुरुपयोग उजागर

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मुंबई: महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी मुंबई में हाल ही में दो अलग-अलग मामलों में तथाकथित तांत्रिकों पर बलात्कार के गंभीर आरोप लगे हैं। इन घटनाओं ने अंधविश्वास और कमजोर मानसिक स्थिति का फायदा उठाने की गंभीर समस्या को फिर से उजागर किया है। सांताक्रूज में तांत्रिक गिरफ्तार , सांताक्रूज पुलिस ने 45 वर्षीय अब्दुल राशिद को 32 वर्षीय एक महिला से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, पीड़िता पारिवारिक और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थी और मदद के लिए राशिद के पास पहुंची थी। आरोपी ने पीड़िता को यह विश्वास दिलाया कि वह बुरी आत्माओं से ग्रस्त है और तांत्रिक अनुष्ठान के जरिए उसे मुक्ति दिलाई जा सकती है। अगस्त  की शुरुआत में, अनुष्ठान के बहाने बुलाकर राशिद ने कथित तौर पर पीड़िता का बलात्कार किया। पीड़िता को शुरू में लगा कि यह ‘उपचार’ का हिस्सा है, लेकिन धोखे का एहसास होने पर उन्होंने सांताक्रूज पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की। पुलिस ने राशिद के खिलाफ **भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64 (बलात्कार)** और **महाराष्ट्र मानव बलि निवारण और उन्मूलन और अन्य अमानवीय, दुष्ट और अघोरी प्रथाओं और काला जादू अधिनियम, 2013** के तहत मामला दर्ज किया है।

 

विरार में नाबालिग से बलात्कार का मामला

लल्लन टॉप के खबर के मुताबिक मुंबई के विरार इलाके में भी ऐसी ही एक घटना सामने आई है। पुलिस ने 9 अगस्त 2025 को 22 वर्षीय प्रेम पाटिल और उसके दोस्त करण पाटिल को 17 वर्षीय नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया। प्रेम पाटिल ने पीड़िता को बताया कि उस पर बुरी आत्मा का साया है और उसे भगाने के लिए शारीरिक संबंध बनाना जरूरी है। 30 जुलाई को दोनों आरोपियों ने पीड़िता को विरार के राजोडी बीच के एक लॉज में ले जाकर कई बार बलात्कार किया। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को हिरासत में लिया। इस मामले में भी **BNS की धारा 64** और अंधविश्वास निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। **अंधविश्वास का दुरुपयोग** ये घटनाएं समाज में अंधविश्वास के प्रति गहरे विश्वास और तांत्रिकों द्वारा इसका दुरुपयोग करने की प्रवृत्ति को दर्शाती हैं। विशेष रूप से महिलाएं और नाबालिग, जो भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक रूप से कमजोर होती हैं, ऐसे शोषण का आसान शिकार बन जाती हैं। **महाराष्ट्र अंधविश्वास निवारण अधिनियम, 2013** ऐसी प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए बनाया गया है, जिसमें सात साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। वहीं, **BNS धारा 64** के तहत बलात्कार के लिए आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। **सामाजिक जागरूकता की जरूरत** पुलिस की त्वरित कार्रवाई के बावजूद, विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। सरकार और गैर-सरकारी संगठनों को अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चलाने और पीड़ितों को मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने पर ध्यान देना चाहिए। मुंबई पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे तांत्रिकों और बाबाओं के झांसे में न आएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

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