भारत पहली बार अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए विश्व का सबसे बड़ा ओपन-सोर्स योगदान देने वाला देश बन गया है।
भारत ने तकनीकी जगत में एक ऐतिहासिक मुकाम हासिल कर लिया है। GitHub की ताजा ऑक्टोवर्स 2025 रिपोर्ट के अनुसार, भारत पहली बार अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए विश्व का सबसे बड़ा ओपन-सोर्स योगदान देने वाला देश बन गया है। यह उपलब्धि न केवल तकनीकी क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाती है, बल्कि देश को ग्लोबल कोडिंग और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि साल 2025 में अकेले भारत से **50 लाख से अधिक नए डेवलपर्स** GitHub प्लेटफॉर्म से जुड़े। यह आंकड़ा देश के युवाओं में टेक्नोलॉजी, कोडिंग और ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स के प्रति बढ़ती रुचि और स्किल्स का स्पष्ट प्रमाण है। GitHub पर योगदान देने वाले डेवलपर्स की संख्या में भारत का यह उछाल वैश्विक स्तर पर सॉफ्टवेयर इनोवेशन में भारतीय प्रतिभा की भूमिका को रेखांकित करता है।
क्या है GitHub और ओपन-सोर्स का महत्व?
GitHub दुनिया का सबसे बड़ा कोड होस्टिंग प्लेटफॉर्म है, जहां डेवलपर्स अपने कोड शेयर करते हैं, सहयोग करते हैं और ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स पर काम करते हैं। ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर मुफ्त और खुला होता है, जिसे कोई भी सुधार सकता है। लिनक्स, एंड्रॉयड और टेंसर्फ्लो जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स इसी मॉडल पर चलते हैं। भारत का इस क्षेत्र में शीर्ष स्थान हासिल करना दर्शाता है कि भारतीय डेवलपर्स अब वैश्विक इनोवेशन के केंद्र में हैं।
क्यों है यह उपलब्धि खास?
लंबे समय से अमेरिका ओपन-सोर्स योगदान में अव्वल था। लेकिन अब भारत पहली बार अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए विश्व का सबसे बड़ा ओपन-सोर्स योगदान देने वाला देश बन गया है। 50 लाख नए डेवलपर्स का जुड़ना भारत के डिजिटल इंडिया और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स की सफलता को दिखाता है। बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे जैसे शहर पहले से ही आईटी हब हैं; अब ओपन-सोर्स में नेतृत्व नई स्टार्टअप्स और इनोवेशन को बढ़ावा देगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह ट्रेंड भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड कंप्यूटिंग और साइबर सिक्योरिटी जैसे उभरते क्षेत्रों में आगे ले जाएगा। सरकार की डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और स्किल इंडिया पहल भी इस सफलता में अहम योगदान दे रही हैं। भारत के इस ऐतिहासिक कदम पर टेक कम्युनिटी में उत्साह का माहौल है। आने वाले वर्षों में भारतीय डेवलपर्स दुनिया के सबसे बड़े ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स को लीड करते नजर आएंगे।








