निजी अस्पताल की अमानवीय करतूत, मृत नवजात को चार दिन वेंटिलेटर पर रखकर वसूले लाखों रुपये, बाबूलाल मरांडी ने की सख्त कार्रवाई की मांग
रांची: झारखंड की राजधानी रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र में स्थित एक निजी अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि अस्पताल ने एक नवजात शिशु की मृत्यु के बाद भी उसे चार दिनों तक वेंटिलेटर पर रखकर परिजनों से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली। इस घटना पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दोषी अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट हो चुका है कि नवजात की मृत्यु पहले ही हो चुकी थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को अंधेरे में रखकर झूठ बोला और मृत शिशु को वेंटिलेटर पर जीवित बताकर लाखों रुपये का बिल थमा दिया। उन्होंने इस कृत्य को चिकित्सा पेशे की गरिमा पर कलंक और एक दुखी परिवार की भावनाओं के साथ क्रूर मजाक करार दिया।
बाबूलाल मरांडी ने इस घटना को झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली का एक और उदाहरण बताते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल चिकित्सा नैतिकता का उल्लंघन है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि निजी अस्पतालों पर निगरानी की कितनी जरूरत है। उन्होंने सरकार से मांग की कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में ऐसी अमानवीय घटनाएं न दोहराई जाएं।
परिजनों के अनुसार, अस्पताल ने मृत नवजात को वेंटिलेटर पर रखने का ढोंग रचकर उनसे लगातार पैसे ऐंठे। इस मामले में परिजनों ने अरगोड़ा थाने में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। गुरुवार देर शाम नवजात के शव का पोस्टमार्टम भी कराया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि यदि जांच में आरोप सही पाए गए, तो संबंधित अस्पताल के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इसे मानवता के खिलाफ अपराध जैसा बताया। रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने भी इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। जांच समिति में कार्यपालक दंडाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी और विशेषज्ञ चिकित्सकों को शामिल किया गया है।





