झारखंड में SIR के विरोध में राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों का संयुक्त मंच, मुख्यमंत्री से मिलेगा प्रतिनिधि मंडल

में विशेष निवेशक क्षेत्र (SIR) के विरोध में राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों का संयुक्त मंच सक्रिय हो गया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राज्य कार्यालय में आयोजित एक बैठक में राष्ट्रीय जनता दल (RJD), CPI, CPI(M), CPI(ML), तृणमूल कांग्रेस (TMC), समाजवादी पार्टी (SP), बहुजन समाज पार्टी (BSP) सहित कई आदिवासी और मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि SIR के मुद्दे पर झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की जाएगी।

नेताओं ने आरोप लगाया कि SIR के नाम पर एक बड़ी साजिश रची जा रही है, जिसका उद्देश्य झारखंड के मूल निवासियों की नागरिकता छीनना है। उनका कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के इशारे पर चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची पुनरीक्षण के नाम पर लोगों के नाम हटाए जा रहे हैं, जो राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को पिछले दरवाजे से लागू करने की कोशिश है। इससे लाखों लोग, जिनके पास जमीन के दस्तावेज या पहचान पत्र नहीं हैं, अपनी नागरिकता खो सकते हैं।

नेताओं ने चेतावनी दी कि मतदाता सूची से नाम हटाना नागरिकता समाप्त करने, राशन कार्ड रद्द करने, नौकरियों से हटाने और सरकारी सुविधाओं से वंचित करने की शुरुआत है। इससे पहले ही विस्थापन और रोजगार की तलाश में लाखों लोग झारखंड से पलायन कर चुके हैं। संयुक्त मंच ने इस स्थिति से निपटने के लिए वंचित लोगों को एकजुट होने और अपनी नागरिकता बचाने की अपील की।

मंच ने ऐलान किया कि नवंबर में रांची में SIR और नागरिकता के मुद्दे पर एक भव्य सेमिनार आयोजित किया जाएगा। बैठक में CPI के राज्य सचिव महेंद्र पाठक, AITUC के राज्य सचिव अशोक यादव, भारतीय खेत मजदूर यूनियन के राज्य सचिव इम्तियाज खान, जिला सचिव अजय कुमार सिंह, RJD के प्रदेश उपाध्यक्ष अनीता यादव, CPI(M) के राज्य सचिव प्रकाश बिपलव, CPI(ML) के शुभेंदु सेन, ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे के अब्दुल्ला अजहर मुफ्ती काशमी, प्रोफेसर अली, TMC के प्रदेश अध्यक्ष फिलोमैन टोपनो, SP और BSP के कई प्रतिनिधि मौजूद थे।





