हस्तशिल्प से मिलेगा मधुबन को खास पहचान, ग्रामीण महिलाओं को दिया गया प्रशिक्षण.
गिरीडीह : शाश्वत तीर्थ क्षेत्र शिखरजी मधुबन के ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने हेतु नाबार्ड एवं हेल्प फाउंडेशन ने अहम भूमिका अदा की है। नावार्ड एवं हेल्प फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से नक्सल प्रभावित मधुबन के ग्रामीण महिलाओं को बांस हस्तशिल्प प्रशिक्षण दिलाकर इन दोनों संस्थाओं ने महिलाओं को आर्थिक तौर से मजबूती प्रदान करने हेतु अहम भूमिका निभाने हेतु एक कदम आगे बढ़ाया है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!बता दें कि नावार्ड एवं हेल्प फाउंडेशन द्वारा मधुबन के सिंहपुर स्थित स्वर्ण जयंती स्वरोजगार भवन में 15 दिनों का प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था जिसका आज अंतिम दिन था। प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम को यादगार बनाने हेतु नाबार्ड के झारखंड सहायक महाप्रबंधक सुभाष गर्ग ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को एक प्रशस्ति पत्र के साथ-साथ प्रति दिवस ₹50 के हिसाब से प्रत्येक को 750 रु0 प्रोत्साहन राशि प्रदान किया।
इस दौरान श्री गर्ग ने कहा कि झारखंड नाबार्ड का एकमात्र लक्ष्य है कि झारखंड के गांव में रहने वाले प्रत्येक महिलाओं के हाथ को हुनर बंद किया जाए तथा उसे आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जाए। इस दौरान समापन कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों का प्रशिक्षण का चिंता देवी ने पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अंकित साहू, मुकेश मंडल, महेशमुंडा, भगवती कुमारी, राखी कुमारी ,बैजंती देवी सहित दर्जनों महिलाओं की अहम भूमिका रही।
गिरिडीह, दिनेश







