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कोविड-19 वैक्सीनेशन में सहयोग और सहभागिता को लेकर बैठक.

Team Drishti.

कोविड-19 वैक्सीनेशन में सहयोग और सहभागिता को लेकर आज दिनांक 07 जनवरी 2021 को रांची समाहरणालय ब्लाॅक ए स्थित कमरा संख्या 207 में प्राइवेट अस्पतालों के संचालकों/प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गयी। बैठक में सिविल सर्जन रांची, अनुमण्डल पदाधिकारी बुण्डू, कोविड-19 के रोकथाम के लिए गठित विभिन्न कोषांगों के वरीय/प्रभारी पदाधिकारी एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में निजी अस्पतालों के संचालकों/प्रतिनिधियों को कोविड वैक्सीनेशन और कोविड ड्राई रन के प्रोसेस फाॅलो करने की जानकारी दी गयी। डब्ल्यूएचओ कंसल्टेंट डाॅक्टर अनूप ने भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के बारे में निजी अस्पतालों के संचालकों/प्रतिनिधियों को बताया।

भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार वैक्सीनेशन सेंटर में हेल्पडेस्क एरिया, वेटिंग एरिया, वैक्सीनेशन रूम और ऑब्जर्वेशन रूम की व्यवस्था से संबंधित जानकारी सभी को दी गयी। वैक्सीनेशन सेंटर पर शौचालय, पानी, बिजली, इंटरनेट कनेक्टिविटी वेंटीलेशन, एम्बुलेंस आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने को लेकर भी निजी अस्पतालों को बताया गया।

वैक्सीनेशन संेटर में टीम के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि एक सेंटर में 5 लोगों की टीम होगी। इनमें चार वैक्सीनेशन ऑफिसर और एक वैक्सीनेटर होंगे। सेंटर पर आने वाले लाभार्थियों का वेरिफिकेशन करने के बाद कोविन (Cowin) अप्लीकेशन पर उनके रिकॉर्ड की इंट्री की जाएगी। वैक्सीनेशन सेंटर पर आने वाले लाभार्थियों की पहचान फोटोयुक्त पहचान पत्र से की जाएगी।

सिविल सर्जन रांची श्री वीबी प्रसाद ने बताया कि सदर अस्पताल और जिले के सभी सीएचसी में कल कोविड ड्राई रन किया जायेगा। सीएचसी में किसी तरह की समस्या आने पर दूसरे साइट पर ड्राई रन की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने बताया कि ड्राई रन को लेकर निजी अस्पतालों के साथ आॅपरेशनल गाइडलाइन शेयर किया गया है, डे आॅफ्टर टूमौरो निजी अस्पताल भी ड्राई रन करने की कोशिश करें। सिविल सर्जन ने बताया कि सदर अस्पताल और सीएचसी में कल होने वाले ड्राई रन को की व्यवस्था को देखने के लिए निजी अस्पतालों को आमंत्रित किया गया है साथ ही ड्राई रन करनेवाले निजी अस्पतालों से सूची भी मांगी गयी है।

कोविड-19 वैक्सीनेशन के पहले फेज में तीन प्रायरिटी ग्रुप बनाए गए हैं। इनमें सबसे पहले हेल्थ केयर वर्कर्स इसके बाद फ्रंटलाइन वर्कर्स और फिर 50 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोग हैं।

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