नई उत्पाद नीति को कैबिनेट से मिल सकती है मंजूरी, 1 अगस्त से लागू होने की संभावना
झारखंड: नई उत्पाद नीति को कैबिनेट से मिल सकती है मंजूरी, 1 अगस्त से लागू होने की संभावना
रांची, 15 मई 2025: झारखंड सरकार की प्रस्तावित नई उत्पाद नीति को गुरुवार (15 मई) को होने वाली कैबिनेट बैठक में स्वीकृति मिलने की प्रबल संभावना है। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने बुधवार को इसकी संभावना जताते हुए कहा था कि नई नीति से संबंधित सभी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए फाइल कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजी गई है। इस नीति के तहत राज्य में शराब की खुदरा बिक्री को निजी हाथों में सौंपने और कई अहम बदलावों की योजना है।
नई उत्पाद नीति की प्रमुख बातें
निजी हाथों में शराब की खुदरा बिक्री:
वर्तमान में झारखंड में शराब की खुदरा बिक्री प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से झारखंड राज्य बिवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) की देखरेख में होती है। नई नीति के तहत यह व्यवस्था बदल जाएगी, और शराब की दुकानों का आवंटन निजी व्यक्तियों या एजेंसियों को ई-लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा।
शराब दुकानों का आवंटन और एकाधिकार पर रोक:
नई नीति में एक व्यक्ति, संस्था या संगठन को अधिकतम नौ समूह (प्रत्येक समूह में 1 से 4 दुकानें) तक ही दुकानें आवंटित करने का प्रावधान है। इससे एक समूह को अधिकतम 36 दुकानें मिल सकती हैं, जिसका उद्देश्य शराब बिक्री में एकाधिकार को रोकना है।
शराब बिक्री का समय बढ़ाने का प्रस्ताव:
वर्तमान में शराब की दुकानें सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक खुली रहती हैं। नई नीति में इसे बढ़ाकर रात 11 बजे तक करने का प्रस्ताव है, जिससे बिक्री का समय एक घंटा बढ़ जाएगा।
डिपार्टमेंटल स्टोर में शराब बिक्री का प्रावधान हटाया गया:
पहले के ड्राफ्ट में 2000 वर्ग फीट से अधिक के डिपार्टमेंटल स्टोर में 10% क्षेत्र में शराब बिक्री की अनुमति थी। लेकिन फाइनल ड्राफ्ट में इस प्रावधान को हटा दिया गया है। अब शराब की बिक्री केवल समर्पित शराब दुकानों के माध्यम से होगी।
निजी दुकानदारों के लिए मार्जिन में वृद्धि:
नई नीति में निजी दुकानदारों को 12% मार्जिन दिया जाएगा, जो पहले 10% था। यह निर्णय सुझावों और आपत्तियों के आधार पर दुकानदारों के हित में लिया गया है।